गणतंत्र दिवस 2022: प्रयागराज का संगम तट पर राष्ट्र भक्ति का संदेश, संतों ने किया ध्वजारोहण
गणतंत्र दिवस 2022 स्वामी रामतीर्थ दास ने कहा कि आज जिस तरह से पूरे विश्व में अशांति असहिष्णुता और एक ऐसे वर्ग विशेष का प्रभाव बढ़ रहा है वह चिंताजनक है। इससे आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ेंगी। कोई भी सरकार हो वह पहले राष्ट्र को मजबूत करती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज के संगम तट पर बसी तंबुओं की नगरी में आज राष्ट्र भक्ति की गंगा बह रही है। जी हां, माघ मेला में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस श्रद्धा से मनाया जा रहा है। संतों ने ध्वजारोहण करके श्रद्धालुओं को राष्ट्र भक्ति का संदेश दिया। दंडी स्वामी नगर स्थित श्रीनागेश्वर धाम शिविर में अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के संरक्षक जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम ने कहा कि राष्ट्रधर्म सर्वोपरि है। हर व्यक्ति को राष्ट्र के प्रति समर्पित रहना चाहिए, क्योंकि जब देश सुरक्षित रहेगा तभी धर्म की रक्षा हो सकेगी। स्वामी ब्रह्माश्रम ने कहा कि राष्ट्र की वजह से धर्म का अस्तित्व है।
राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा : प्रभु जी
ओम नम: शिवाय आश्रम के शिविर में संस्था के संस्थापक प्रभु जी ने ध्वजारोहण किया। कहा कि राष्ट्र धर्म सबसे बड़ा है। जब राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो कौन धर्म और उसको मानने वाले लोग कहा रहेंगे? कहा कि हर जाति, धर्म के लोगों को मिलकर राष्ट्र को मजबूत करने में योगदान देना चाहिए। महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबा' ने कहा कि जाति-धर्म के बंधन से मुक्त होकर हर व्यक्ति को सामाजिक कुरीतियों व विकृतियों को दूर करने में योगदान देना चाहिए।
राष्ट्र को मजबूत करके देशभक्ति दिखाएं : प्रपन्नाचार्य
जगद्गुरु डा. कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की एक सीमा होती है। सीमा के अंदर सरकार नाम की एक सार्वभौमिक होती है, उसके बाद राष्ट्र का विकास होता है। विकास होने के बाद उसमें मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च बनते हैं। तब धर्म शुरू होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र से धर्म होता है। धर्म से राष्ट्र नहीं बनता। ऐसे में प्रत्येक भारतवासी को चाहिए कि वह अपने राष्ट्र को मजबूत करके अपनी देशभक्ति दिखाएं।
राष्ट्र धर्म का करें पालन : स्वामी रामतीर्थ दास
स्वामी रामतीर्थ दास ने कहा कि आज जिस तरह से पूरे विश्व में अशांति, असहिष्णुता और एक ऐसे वर्ग विशेष का प्रभाव बढ़ रहा है, वह चिंताजनक है। इससे आने वाले समय में मुश्किलें बढ़ेंगी। कोई भी सरकार हो वह पहले राष्ट्र को मजबूत करती है। राष्ट्र के मजबूत होने के बाद लोगों के विकास के लिए काम करती है। ऐसे में सबसे जरूरी होता है कि सबसे पहले हम अपने राष्ट्र धर्म का पालन करें।