धन-दौलत की तरह चोरी होने लगे Remdesivir इंजेक्शन, कौशांबी जिला अस्पताल में स्टोर का ताला तोड़कर सात सिरिंज उड़ाए
फेफड़े में इंफेक्शन काबू में करने वाला रेमडेसिविर सिरिंज बेशकीमती खजाने की तरह हो गया है। कालाबाजी करने वाले इसे डंप कर चोरी-छिपे ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं। आलम यह है कि अब चोरों की भी नजर इस इंजेक्शन पर है ताकि इसे चुराकर बेच सकें।
प्रयागराज, जेएनएन। मौजूदा समय में जब कोरोना के कारण बिगड़ती सेहत और दम तोड़ती जिदंगी के बीच दवाओं की कमी हो रही है तो फेफड़े में इंफेक्शन को काबू में करने वाला जीवन रक्षक रेमडेसिविर सिरिंज बेशकीमती खजाने की तरह हो गया है। कालाबाजारी करने वाले इसे डंप कर चोरी-छिपे ऊंची कीमत पर बेच रहे हैं तो जरूरतमंद इसकी तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं। आलम यह है कि अब चोरों की भी नजर इस इंजेक्शन पर है ताकि इसे चुराकर बेच सकें। ताजी घटना पड़ोसी जनपद कौशांबी की है जहां जिला अस्पताल में रखे सात रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गए और वो भी डॉक्टरों, नर्स और पुलिसवालों की मौजूदगी के बीच। इस चौंकाने वाले मामले में स्टोर इंचार्ज की शिकायत पर पुलिस अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट लिखकर तलाश कर रही है।
सर्जिकल स्टोर से चोरी से अफसर भी स्तब्ध
कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते केस और मौतों के बीच जीवन रक्षा के लिए जरूरी ऑक्सीजन सिलेंडर समेत दवाओं व इंजेक्शन की कालाबाजारी शुरू हो गई जिस पर काबू पाने के लिए पुलिसस-प्रशासन गिरफ्तारी भी कर रहा है। शासन स्तर से उपलब्धता और उत्पादन में बढ़ोत्तरी के बावजूद अब भी संक्रमण को खत्म करने में कारगर साबित हो रहा रेमेडसिविर इंजेक्शन अधिक दाम पर मार्केट में बेचा जा रहा है। कालाबाजारी के इस दौर में इस इंजेक्शन की किल्लत फिलहाल बनी है। शासन से पिछले दिनों मंझनपुर स्थित जिला अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए थे। इस इंजेक्शन को जिला अस्पताल के सेंट्रल सर्जिकल स्टोर में रखा गया था। स्टोर इंचार्ज एसबी सिंह ने बताया कि रविवार रात चोरों ने स्टोर का ताला तोड़कर सात रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी कर लिए। इस बारे में पता चला तो स्टोर इंचार्ज समेत अन्य अधिकारी सन्न रह गए।
अस्पताल का ही कोई शख्स हो सकता है चोर
इसकी सूचना सीएमएस समेत अन्य विभागीय अफसरों को दी गई। स्टोर इंचार्ज ने मंझनपुर कोतवाली जाक घटना की लिखित शिकायत की। इंस्पेक्टर मनीष कुमार पांडेय ने बताया कि तहरीर लेकर अज्ञात चोरों के खिलाफ केस लिखा गया है। तलाश की रही है। अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी गई मगर अब तक कोई मदद नहीं मिली है। पुलिस टीम संदिग्ध चोर का पता लगाने में जुटी है। अस्पताल से जुड़ा कोई शख्स चोरी में शामिल हो सकता है जिसने अपनी पहुंच का लाभ उठाकर इंजेक्शन चोरी किए और हो सकता है कि बेच भी दिए।