कारोबार सुगमता के लिए कई फैसले, निरस्त आवेदनों का होगा रिफंड, Prayagraj news
सौ करोड़ अथवा अधिक के प्रोजेक्ट लगाने के लिए दो अथवा उससे ज्यादा भूखंडों को आपस में जोडऩे के लिए लोगों से मांगी जाने वाली आपत्ति का समय 30 दिन से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है।
प्रयागराज, जेएनएन। ईज ऑफ डूईंग व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों और निवेशकों के हित में यूपीसीडा ने कई निर्णय लिए हैं। एक नवंबर से ऐसे आवेदकों के स्वत: रिफंड की प्रक्रिया शुरू होगी, जिनके आवेदन निरस्त हो गए हैं।
समायोजन प्रक्रिया की गई सरल
बड़ी इकाइयों को स्थापित करने के लिए सुविधा प्रदान करने के मकसद से समायोजन की प्रक्रिया को सरल किया गया है। समायोजन से पहले लीज डीड के निष्पादन की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इससे आवंटियों को डबल स्टांप ड्यूटी नहीं देनी पड़ेगी। प्राधिकरण में संयुक्त रूप से आवंटित भूखंडों को अब विधिवत रूप से समायोजित मान लिया जाएगा। इस तरह नक्शे और उपयोग के निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाकर पुराने आवंटियों को नई दरों के आधार पर देने वाले समायोजन शुल्क से बचाया जा सकेगा। सौ करोड़ अथवा अधिक के प्रोजेक्ट लगाने के लिए दो अथवा उससे ज्यादा भूखंडों को आपस में जोडऩे के लिए लोगों से मांगी जाने वाली आपत्ति का समय 30 दिन से घटाकर 15 दिन कर दिया गया है।
कामकाज सुगम करने की कवायद
मौजूदा समय में ई-कॉमर्स में गोदामों और लाजिस्टिक पार्कों की जरूरत के मद्देनजर प्राधिकरण ने औद्योगिक भूमि पर वेयरहाउसिंग और लाजिस्टिक इकाइयों, पार्क अनुमन्य गतिविधियों को उद्योग के रूप में माने जाने के फैसले को आत्मसात किया है। प्राधिकरण के विभिन्न अनुभागों की कार्य प्रणालियों को सुगम बनाने के लिए और मानवीय हस्तक्षेप कम करने के लिए प्रक्रिया में जरूरी बदलाव के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने निर्देश दिए हैं। रीजनल मैनेजर मयंक मंगल ने बताया कि सीईओ के निर्देश के मुताबिक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।