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सालभर पहले कर्मचारी ने वसूला टैक्स, नहीं जमा की रसीदें

नगर निगम के एक कर्मचारी ने एक वर्ष पूर्व वसूले गए टैक्‍स को अभी तक रसीदें गृहकर विभाग में जमा नहीं की। अब उसे इस संबंध में पत्र जारी किया गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 11:53 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:53 AM (IST)
सालभर पहले कर्मचारी ने वसूला टैक्स, नहीं जमा की रसीदें
सालभर पहले कर्मचारी ने वसूला टैक्स, नहीं जमा की रसीदें

प्रयागराज : नगर निगम के जोन संख्या दो मुट्ठीगंज में गृहकर वसूली को लेकर गड़बड़ी का मामला प्रकाश में आया है। एक कर्मचारी ने सालभर पहले भवन स्वामियों से गृहकर वसूला लेकिन उसने रसीदें (किताब) गृहकर विभाग में जमा नहीं की। वसूली गई रकम जमा की गई अथवा नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है। कुछ रोज पहले प्रकरण सामने आने पर संबंधित कर्मचारी को रसीदें जमा करने के लिए पत्र जारी किया गया इसके बाद भी जमा नहीं की गईं।

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 अंजनी शर्मा चतुर्थ श्रेणी का स्थायी कर्मचारी है। साल भर पहले उसे टैक्स इंस्पेक्टर के साथ गृहकर वसूली के लिए लगाया गया था। इसके लिए उसे रसीदें जारी हुई थीं, लेकिन उसे कितनी रसीदें जारी हुई थीं और कितना गृहकर उसने वसूला और कितना जमा किया। फिलहाल, इस बारे में विभागीय अफसर कुछ बता पाने में असमर्थ हैं।

साफ नहीं कर्मचारी की मंशा

कर्मचारी द्वारा साल भर तक रसीदें विभाग में न जमा करने से स्पष्ट है कि उसकी मंशा साफ नहीं है। जब तक रसीदें मिल नहीं जाती हैं और विभाग मिलान नहीं कर लेता है, तब तक घोटाले की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। पिछले साल जोन संख्या एक खुल्दाबाद में भी गृहकर में लाखों रुपये के घोटाले का राजफाश हुआ था। मामले में एक कंप्यूटर आपरेटर को हटा दिया गया था और खुल्दाबाद थाने में एफआइआर भी दर्ज कराई गई थी।

सिंडीकेट काम करने की चर्चा

जोन दो में कुछ रिटायर्ड और कुछ मौजूदा कर्मचारियों का एक सिंडीकेट काम करने की भी चर्चाएं हैं। जो भवन स्वामियों को 2014 से गृहकर वृद्धि का धौंस देकर अवैध धन उगाही कर रहे हैं। कुछ दिन पहले चौक क्षेत्र के एक भवन स्वामी ने ऐसी शिकायत महापौर से की थी, लेकिन महापौर के विदेश में होने के कारण उनसे इस संबंध में बात नहीं हो सकी।

बोले मुख्य कर निर्धारण अधिकारी

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र कहे हैं कि साल भर पहले टैक्स स्टॉफ की संख्या बहुत कम थी, इसलिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को वसूली में लगाया गया था। किताबें न जमा करने की बात कुछ दिन पहले मालूम हुई तो उसे पत्र जारी करके मिलान कराने के निर्देश कर अधीक्षक को दिए गए हैं। मिलान के बाद तय हो पाएगा कि कितनी किताबें जारी हुई थी, कितनी उसने जमा की थी।


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