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गंगा और यमुना के बाढ़ में डूबी जमीन का रेट भी छू रहा आसमान Prayagraj News

प्लाटिंग करने वालों ने गंगा की तलहटी तक बिजली सड़क और पानी का इंतजाम कर दिया है। इससे बाढ़ के पानी में डूबी भूमि भी अधिक रेट पर बिक रही है। पानी बढ़ा तो बाशिंदे परेशान हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 07:19 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 02:04 PM (IST)
गंगा और यमुना के बाढ़ में डूबी जमीन का रेट भी छू रहा आसमान Prayagraj News
गंगा और यमुना के बाढ़ में डूबी जमीन का रेट भी छू रहा आसमान Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। गंगा और यमुना की बाढ़ में हजारों मकान डूब गए। छह साल और तीन साल पहले भी इन क्षेत्रों में हजारों मकान डूबे थे। इसके बावजूद इन क्षेत्रों के लोग मकान बनाने से परहेज नहीं कर रहे हैं। इन इलाकों में जमीन 30 से 40 हजार रुपये वर्ग गज तक बिक रही है। यह क्षेत्र गंगा के पांच सौ मीटर के दायरे में है और निर्माण प्रतिबंधित है। फिर भी लोग नहीं मान रहे हैं।

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पानी में डूबे करोड़ों की लागत से बनवाए गए मकान

इस दिनों अगर आप अशोक नगर में पत्रकारपुरम या सलोरी क्षेत्र के बघाड़ा सहित गंगा किनारे के कई मोहल्लों में जाएं तो पाएंगे बीते दिनों आई बाढ़ के पानी में डूबे मकान करोड़ों की लागत से बनाए गए हैं। कई सरकारी अधिकारी व कर्मचारी हैं तो कई वकील या कोर्ट के अधिकारी हैं। पत्रकारपुरम में बाढ़ में डूबे मकानों में से अधिकतर वकीलों के हैं। इन लोगों के अधिकांश बड़े-बड़े मकान नियमों को धता देते हुए बना लिए गए हैं। पत्रकारपुरम में जो मकान पानी में डूबा थे, उसमें से कई प्लाट कुछ महीने पहले की 30 हजार रुपये वर्ग में खरीदे गए हैं। उनमें काम भी चल रहा है।

प्लाटिंग करने वालेे बिजली, सड़क, पानी आदि का इंतजाम करा दिया है

लोगों ने बताया कि बाढ़ तो कुछ दिनों के लिए आती है। बाकी दिन यहां पर धड़ल्ले से प्लाटिंग होती है। प्लाटिंग करने वालों ने तो बिजली, सड़क, पानी आदि का पूरा इंतजाम करा दिया है। इसलिए ऊंचे दामों पर प्लाटिंग भी हो रही है। हालांकि इस ओर प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अधिकारी मौन हैं। इस मामले में उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।


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