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प्रयागराज में Rao IAS के संस्थापक अखिलेन्द्र मोहन का निधन, फेफड़े में इंफेक्शन से बिगड़ी थी हालत

राव आइएएस के संस्थापक अखिलेन्द्र मोहन सक्सेना उर्फ बच्चन भइया 67 वर्ष की आयु में जिंदगी की जंग हार गए। वह फेफड़े में इंफेक्शन की वजह से सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। बेटे वरुण राज सक्सेना ने फाफामऊ गंगा घाट पर उन्हें मुखाग्नि दी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sun, 25 Apr 2021 10:16 PM (IST)Updated: Sun, 25 Apr 2021 10:16 PM (IST)
प्रयागराज में Rao IAS के संस्थापक अखिलेन्द्र मोहन का निधन, फेफड़े में इंफेक्शन से बिगड़ी थी हालत
कोरोना टेस्ट कराने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया था। उनकी रिपोर्ट निगेटिव थी।

प्रयागराज, जेएनएन। मातृभाषा हिंदी को केंद्र बिंदु मानकर आइएएस की खेप निकालने वाले राव आइएएस के संस्थापक अखिलेन्द्र मोहन सक्सेना उर्फ बच्चन भइया 67 वर्ष की आयु में जिंदगी की जंग हार गए। वह फेफड़े में इंफेक्शन की वजह से सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती थे। बेटे वरुण राज सक्सेना ने फाफामऊ गंगा घाट पर उन्हें मुखाग्नि दी।

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वर्ष 1986 में प्रयागराज में रखी थी राव आइएएस की नींव

बदायूं जैसे छोटे से शहर में 11 नवम्बर 1954 को जन्मे अखिलेन्द्र मोहन 1975 में प्रयागराज (पूर्ववर्ती इलाहाबाद) पहुंचे। यहां इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून (लॉ) की पढ़ाई पूरी की और प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने लगे। 1986 में उन्होंने आइएएस की तैयारी कराने के लिए राव आइएएस की स्थापना की। जो आज एक वटवृक्ष बन चुका है। कोई भी छात्र जब प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड से प्रयागराज आता तो सबकी जुबां पर राव आइएएस होता है। इसके पीछे यह कहा जाता है कि हिंदीभाषी पट्टी के छात्रों को यहां से सर्वाधिक सफलता मिलती है। जिले को कोचिंग का हब बनाने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। बेटे विजय ने बताया कि वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। इस बीच कोरोना टेस्ट कराने के बाद उन्हें भर्ती कराया गया। उनकी रिपोर्ट निगेटिव थी।

शनिवार को थम गई सांस

शनिवार को अपराह्न दो बजे खून का ब्लॉकेज होने के चलते उनकी सांस उखड़ गई। उनके निधन पर लखनऊ और वाराणसी ब्रांच के निदेशक और शिक्षकों ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है। वह अपने पीछे पत्नी प्रतिमा सक्सेना पुत्र वरुण राज सक्सेना और पुत्रवधु अरु दीप सक्सेना को छोड़ गए। वाराणसी के निदेशक अजीत प्रकाश श्रीवास्तव ने उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और सभी को दुख की घड़ी में भावनात्मक सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।


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