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पूजा में रामलला को चढ़ती है प्रयागराज की तुलसी Prayagraj News

प्रयागराज में ढाई हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में तुलसी की खेती हो रही है। यहां की तुलसी अयोध्या काशी और मथुरा के मंदिरों में पूजा के लिए हर हफ्ते छह से सात ट्रक में भेजी जा रही।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 10 Dec 2019 07:31 AM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 02:18 PM (IST)
पूजा में रामलला को चढ़ती है प्रयागराज की तुलसी Prayagraj News
पूजा में रामलला को चढ़ती है प्रयागराज की तुलसी Prayagraj News

 प्रयागराज, ज्ञानेन्द्र सिंह । प्रयागराज और अयोध्या के संबंधों की चर्चा धर्मग्रंथों में भी है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम यहां श्रृंगवेरपुर और भारद्वाज मुनि आश्रम से होकर ही वनवास गए थे। एक तरह से उन संबंधों को अब संगमनगरी की तुलसी ने संजो रखा है। यहां की तुलसी रामलला को चढ़ती है।

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ढाई हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में होती है तुलसी की खेती

प्रयागराज में इस समय ढाई हजार एकड़ से ज्यादा रकबे में तुलसी की खेती हो रही है। यहां की तुलसी अयोध्या, काशी और मथुरा के मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए हर हफ्ते छह से सात छोटे ट्रक में भेजी जाती है। इसके अलावा हरिद्वार, महाराष्ट्र, गुजरात व नोएडा में औषधि बनाने वाली कंपनियों व कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स वाली कंपनियों तक में दबदबा है। गंगा के किनारे हो रही बड़े पैमाने पर तुलसी की खेती से किसान तेजी से समृद्धि की ओर अग्रसर हैैं। फूलपुर, हंडिया, सैदाबाद, प्रतापपुर और मेजा में लगभग आठ सौ किसान इसकी खेती कर रहे हैैं। फूलपुर के चकरा अलीपुर गांव, नंदौत, सैदाबाद के आसेपुर, मेजा के चपरो समेत दर्जनों गांवों में तुलसी खेती हो रही है। तुलसी किसान सुरेश सिंह और अवधेश सिंह बताते हैैं कि तुलसी के बाजार की अब दिक्कत नहीं है। कास्मेटिक्स कंपनियों के एजेंट खेतों तक पहुंचने लगे हैैं। मंदिरों में चढ़ाने के लिए व्यापारी अपनी गाड़ी रात में ही लगा देते हैैं। 

एक बीघा तुलसी की खेती मेुं 15 सौ खर्च और मुनाफा तीन लाख तक

दस बीघा में तुलसी की खेती किए किसान राजेंद्र मिश्र बताते हैैं कि एक बीघा तुलसी की खेती में पंद्रह सौ रुपये लागत आती है जबकि तीन लाख तक मुनाफा होता है। उन्होंने कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट्स वाली कंपनी के एजेंट को माल बेचा और रुपये लिया। काफी  किसान मंदिरों में चढ़ाने के लिए फूलमंडी प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या व मथुरा भी तुलसी भेजते हैैं। किसान मातादीन पांडेय ने बताया कि तीन माह में फसल तैयार हो जाती है। इसमें गोबर खाद ही प्रयोग होती है। एक सीजन में आठ कुंतल तक पैदावार होती है। 35 से 40 हजार रुपये प्रति कुंतल भाव है।

तुलसी की खेती पर अनुदान भी

तुलसी की खेती पर सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाता है। जिला उद्यान अधिकारी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि एक हेक्टेयर तुलसी की खेती करने पर 13310 रुपये का अनुदान दिया जाता है। जिले के कई किसानों को लाभ दिया जा चुका है जबकि कई ने आवेदन भी कर रखा है। बताया कि मौजूदा समय में जिले में काफी तादाद में किसान तुलसी की खेती कर रहे हैैं। यहां की तुलसी काशी, मथुरा और अयोध्या के मंदिरों के लिए जाती है। कास्मेटिक्स कंपनियां भी इसे खरीदने लगी हैं।


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