Ramadan 2021: कोरोना वायरस संक्रमण काल में डिजिटल इबादत, इंटरनेट के जरिए कुरान-हदीस की हो रही तिलावत
कोरोना वायरस संक्रमण के दौर में इस बार रमजान का महीना चल रहा है। ऐसे में मस्जिदों मकतब और घरों में कुरआन पाक की तिलावत को अब डिजिटल स्वरूप में पढ़ा और पढ़ाया जा रहा है। खासकर युवा वर्ग मोबाइल में कुरान पाक पढऩे में आसानी महसूस कर रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। धर्म हो अथवा रीति-रिवाज, आज हर जगह संचार क्रांति की दखल है। उसकी झलक रमजान में भी दिख रही है। रमजान में इबादत और तिलावत के जरिए सवाब कमाने का तरीका भी हाइटेक हो चुका है। मोबाइल एप में कुरान या कुरान की सूरा अथवा आयत डाउनलोड कर लोग खासकर युवा सीधे सवाब के हकदार बन रहे हैं।
कोरोना काल में मस्जिदों में इबादत कम
कोरोना वायरस संक्रमण काल में मस्जिदों में इबादत का सिलसिला धीमा है। ऐसे में इस्लामिक वेबसाइटों के जरिए रोजेदार सरल तरीके के साथ इबादत-तिलावत सीख रहे हैं। परंपरागत तस्बीह (माला) के साथ डिजिटल तस्बीह उपलब्ध है, जो वजीफा को शत-प्रतिशत गिनती (काउंटर) उपलब्ध कराता है। मस्जिदों, मकतब और घरों में कुरआन पाक की तिलावत को अब डिजिटल स्वरूप में पढ़ा और पढ़ाया जा रहा है। खासकर युवा वर्ग मोबाइल में कुरान पाक पढऩे में आसानी महसूस कर रहा है।
बोले, मदरसा वसीअलुल उलूम के सचिव
प्रयागराज में मदरसा वसीअलुल उलूम के सचिव मौलाना डा. अहमद मकीन के मुताबिक इंटरनेट के माध्यम से लोग अब कहीं भी कुरान की तिलावत कर सवाब हासिल कर रहे हैं। दर्जनों ऐसी वेबसाइट हैं जो कुरआन को शुद्ध रूप में एवं अनुवाद के साथ प्रस्तुत कर रही हैं। लोगों को हर जगह (घर, दुकान, नौकरी आदि में) आसानी से कलाम पाक पढऩे का सवाब मिल पा रहा है। मस्जिद शाह वसीउल्लाह के हाफिज सईदुल हसन का कहना है कि गूगल पर सर्च करने से कुरआन हदीस के प्रारंभिक पाठ से लेकर बड़े-बड़े मसले मसायल का हल मिल जाता है। व्यापारी खालिद अंसारी कहते हैं कि इंटरनेट पर कुरान और दूसरे अरकान की जानकारी उपलब्ध है।