मनोकामना पूर्ति के साथ सेहत भी दुरुस्त कर रहा राम नाम बैंक
राम नाम लिखने का क्रम तेज हो गया है। मान्यता है कि इस बैंक के खाता धारकों की हर मनोकामना पूरी होती है और मनोकामना पूर्ण होने पर खाता धारक यहां आकर हवन पूजन करते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन। माघ मेला क्षेत्र में संगम स्नान के बाद राम नाम लिखने का विशेष महत्व है। इस पुनीत कार्य में श्रद्धालुओं और कल्पवासियों का सहयोग राम नाम सेवा संस्थान और राम नाम बैंक बखूबी कर रहा है। संगम नोज के समीप अक्षयवट मार्ग पर लगे राम नाम बैंक शिविर में इन दिनों राम नाम लिखने का क्रम तेज हो गया है। मान्यता है कि इस बैंक के खाता धारकों की हर मनोकामना पूरी होती है और मनोकामना पूर्ण होने पर खाता धारक यहां आकर हवन पूजन करते हैं। राम नाम बैंक के संचालक आशुतोष वाष्र्णेय कहते हैं कि प्रयाग के इस बैंक में हिंदू मुस्लिम, सिख, इसाई भी खाता धारक हैं। यह कौमी एकता की मिसाल है। कहा कि जब से राम नाम लेखन प्रचलित हुआ तब कि राम नाम लिखे पत्रों को संजोने की आवश्यकता महसूस हुई।
राम नाम का मिलता है कर्ज
आध्यात्मिक ऊर्जा, शांति, मोक्ष, कष्टों के निवारण और मनोकामना पूर्ति के लिए लोग इस बैंक से राम नाम का कर्ज लेते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि लोग यहां से प्रपत्र लेकर यह बताते हैं कि वे अगली बार कितनी संख्या में राम नाम लिखकर यहां जमा करेंगे।
बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता
अध्यात्म की मदद से रोगों की रोकथाम के लिए इस बैंक में शोध कार्य भी होता है। मौनी अमावस्या से पहले यहां मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। तीनों समय संगम स्नान, नित्य राम नाम लिखने और फिर संगम स्नान का प्रभाव देखने के लिए उन्हीं मरीजों का माघी पूर्णिमा पर रक्त नमूना लिया जाता है । जिससे यह पता चल सके कि अध्यात्म और कल्पवास के द्वारा शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का कैसे विकास होता है।