Coronavirus संक्रमण काल में यात्री नहीं मिल रहे, खाद की ढुलाई में रेलवे ने झोंकी ताकत Prayagraj News
कोरोना वायरस के संक्रमण काल में अप्रैल से अभी तक उत्तर मध्य रेलवे ने 75 रेक खाद की ढुलाई की है। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार की मांग को पूरी की जा रही है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल में ट्रेनों में यात्री नहीं मिल रहे हैं। इससे रेलवे की आय भी प्रभावित हो रही है। वहीं ऐसे में उत्तर मध्य रेलवे ने खाद ढुलाई पर अपनी ताकत झोंक दी है। फसली सीजन में रेलवे विविध क्षेत्रों में तेजी से उर्वरक पहुंचाने में जुटा है। अप्रैल से अब तक 75 रेक खाद विभिन्न स्थानों को भेजी जा चुकी है।
20 से 25 रेक प्रतिदिन की आपूर्ति भेजी जा रही है
उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल से प्रदेश और प्रदेश के बाहर खाद व बीज की ढुलाई की जा रही है। सबसे ज्यादा मांग इस समय खाद की है जिसमें यूरिया, डीएपी, फास्फेट आदि शामिल है। कानपुर-पनकी के बीच बनी साइडिंग से बड़े पैमाने पर खाद के रेक पूर्वी और पश्चिमी यूपी के अलावा बिहार भेजे जा रहे हैं। करीब 20 से 25 रेक प्रतिदिन की आपूर्ति भेजी जा रही है। एक रेक 42 वैगन का होता है, प्रति रेक 26 सौ से 27 सौ टन खाद आती है। आठ, 10 या 15 वैगन वाले छोटे रेक से भी खाद मंगाने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
यहां हैं गुड्स शेड
एटा, अलीगढ़, शिकोहाबाद, हाथरस, हरदुआगंज, पनकी धाम, फतेहपुर, मलवा, चुनार, चोपन, छिवकी, नैनी, इरादतगंज, मांडा आदि में रेलवे के गुड्स शेड हैं जहां खाद ऑन डिमांड पहुंचाई जा रही है। वहां से सरकारी और गैरसरकारी खाद वितरण संस्थानों के एजेंट उन्हें ले जाते हैं।
ढुलाई में छूट भी मिल रहा है
50 किलोमीटर दूरी तक 50 फीसद, 51 से 75 और 76 से 90 किलोमीटर दूरी तक 10 फीसद की छूट माल भाड़ा में दी जा रही है। मिनी रेक को 500 किलोमीटर दूर तक ही ले जाने का प्रतिबंध भी हटा दिया गया है। अब इसे 15 सौ किलोमीटर तक ले जाया जा सकता है।
बोले, एनसीआर के मुख्य मालभाड़ा प्रबंधक
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य मालभाड़ा प्रबंधक पीके ओझा कहते हैं कि फसल खराब न हो और उत्पादन अच्छा हो, इसके लिए हम उर्वरक से लेकर खेती से जुड़ी हर वस्तु की ढुलाई को प्राथमिकता दे रहे हैं। फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री से भी पिछले दिनों निर्देश आया था कि किसानों की आवश्यकता से जुड़ी सभी चीजों की ढुलाई को प्राथमिकता पर लिया जाए।