Railway News: प्रयागराज सिटी रेलवे स्टेशन का पूछताछ काउंटर का बदला स्वरूप, जानें क्या है बदलाव
Railway News वाराणसी मंडल के विभिन्न श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर पूछताछ काउंटरों को निजी कंपनी से काम कराने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें प्रयागराज सिटी यानी रामबाग रेलवे स्टेशन भी शामिल है। एक जुलाई से प्रयागराज रामबाग का पूछताछ काउंटर पटना की निजी कंपनी संभालने लगी है।
प्रयागराज, जेएनएन। रामबाग रेलवे स्टेशन के नाम से प्रसिद्ध प्रयागराज सिटी रेलवे स्टेशन का पूछताछ काउंटर जल्द ही बदले स्वरूप में नजर आने लगा है। यात्रियों को ट्रेन संबंधी जानकारी देने के लिए नए अप-टू-डेट लोग हैं। नए स्टाफ आइडी कार्ड व अपनी अलग यूनीफार्म (क्रीम पैंट व स्काई ब्लू शर्ट) के साथ नजर आ रहे हैं।
वाराणसी मंडल के रेलवे स्टेशन के पूछताछ काउंटर निजी कंपनी के हाथ
वाराणसी मंडल के विभिन्न श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर पूछताछ काउंटरों को निजी कंपनी से काम कराने की जिम्मेदारी दी गई है। इसमें प्रयागराज सिटी यानी रामबाग रेलवे स्टेशन भी शामिल है। एक जुलाई से प्रयागराज रामबाग का पूछताछ काउंटर (फेस टू फेस इंक्यावरी) पटना की निजी कंपनी संभालने लगी है। यहां एक सीट पर तीन शिफ्ट में कर्मचारी तैनात किए जा रहे हैं। पूछताछ खिड़की से यात्रियों को ट्रेनों और कोच के बारे में जानकारी दी जा रही है।
एक जुलाई से 30 जून 2024 तक निजी कंपनी को अनुबंध
प्रयागराज रामबाग के अलावा छपरा, बलिया, सीवान, मऊ, आजमगढ़, बेल्थरा रोड, देवरिया सदर, मंडुवाडीह, वाराणसी सिटी, गाजीपुर सिटी, भटनी, सलेमपुर और औडि़हार पर भी निजी एजेंसी से काम कराने के लिए टेंडर निकाले गए थे। इसके तहत एक जुलाई से 30 जून 2024 तक अनुबंध किया गया है। माना जा रहा है कि पहले चरण में निजी कंपनी के स्टाफ तैनात कर दिए गए हैं। हालांकि जल्द ही इनका अपना सेटअप भी होगा ताकि यात्रियों को और सहूलियत प्रदान की जा सके।
निजी कंपनी के स्टाफ हो रहे प्रशिक्षित
फिलहाल निजी कंपनी के स्टाफ को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पब्लिक एड्रेस सिस्टम समेत रेलवे की अन्य उद्घोषणा संबंधी जानकारी दी जा रही है। नए स्टाफ आइडी कार्ड व अपनी अलग यूनीफार्म (क्रीम पैंट व स्काई ब्लू शर्ट) निर्धारित है। आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में स्टाफ काम कर रहे हैं। इसकी निगरानी भी की जा रही है। किसी भी उपकरण के विफल होने पर स्टेशन इंचार्ज को 10 मिनट के अंदर सूचना देनी होगी। ऐसा इसलिए कि सीनियर डीसीएम को अवगत कराया जा सके और समय रहते समाधान भी हो।