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Railway Encroachment : पटरी पर ट्रेन, बगल में दौड़ती है हजारों जिंदगी, यह है प्रयागराज में हाल

Railway Encroachment प्रयागराज में नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर रेलवे लाइन के किनारे झुग्गी झोपडिय़ां बसी हैं। रेलगाड़ी दौड़ती हैं तो यहां रहने वाले भी बेखौफ हो अपना जीवन गुजार रहे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 08:51 AM (IST)
Railway Encroachment : पटरी पर ट्रेन, बगल में दौड़ती है हजारों जिंदगी, यह है प्रयागराज में हाल
Railway Encroachment : पटरी पर ट्रेन, बगल में दौड़ती है हजारों जिंदगी, यह है प्रयागराज में हाल

प्रयागराज, जेएनएन। उच्चतम न्यायालय की ओर से तीन सितंबर को दिल्ली और मुंबई में रेल पटरियों के किनारे बसी झुग्गी झोपड़ी हटाने का आदेश हुआ है जबकि बस्तियों के प्रयागराज में भी हालात कमोवेश वैसे ही हैं। देश के सबसे व्यस्त मार्ग नई दिल्ली-हावड़ा रूट पर सूबेदारगंज और प्रयागराज जंक्शन के बीच भी ट्रैक किनारे झुग्गी झोपडिय़ां है। न्यू कैंट इलाके की कहार गल्ला बस्ती के अधिकांश लोग ट्रैक किनारे बसे हुए हैं।

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बेखौफ हो अपना जीवन गुजारा करते हैं

पटरियों पर रेलगाडिय़ां बेधड़क दौड़ती हैं तो ट्रैक के आसपास सैकड़ों परिवार भी बेखौफ हो अपना जीवन गुजारा करते हैं। जान की परवाह कैसे होती है इसे सिर्फ इसी बात से समझा जा सकता है कि इन परिवारों के बच्चों का खेल का ठिकाना भी ट्रैक के इर्द-गिर्द ही होता है। प्रयागराज में मलाकराज, रामबाग, सलोरी, बक्शी बांध, कहारगल्ला समेत अन्य कई इलाकों में ऐसी ही बस्तियां हैं। इन बस्तियों के चलते वहां जानवर भी ट्रैक पर मंडराते रहते हैं जो अक्सर ट्रेन संचालन में बाधा बनते हैं।

दिल्ली-हावड़ा रूट पर सूबेदारगंज और प्रयागराज जंक्शन के बीच हैं बस्तियां

दिल्ली-हावड़ा रूट पर सूबेदारगंज और प्रयागराज जंक्शन के बीच यह बस्तियां पटरी से 15 मीटर के अंदर है, लेकिन रेलवे इन्हें बराबर नजरअंदाज करता है जो किसी भी वक्त बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इस रूट पर चौफटका के पास अक्सर हादसे होते थे तो वहां पर ट्रैक के दोनों ओर दीवार उठा दी गई है। तबसे वहां पर हादसे होना बंद हो गए। उत्तर रेलवे के रेल ट्रैक पर एमएनएनआइटी के पास भी पटरी किनारे इसी प्रकार की बस्ती बसी है। वहां झुग्गियां हैं तो तमाम पक्के निर्माण भी हैं। यहां पर पटरियों के किनारे दीवार न होने से रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा है।

कुंभ मेला के दौरान पटरी किनारे बसी बस्‍ती हटाया गया था

कुंभ मेला के दौरान प्रयाग स्टेशन के आसपास रेल ट्रैक का चौड़ीकरण किया गया तो बक्सी बांध के पास अवैध रूप से पटरी किनारे बसी बस्ती को हटाया गया। लेकिन अभी भी बक्सी बांध पर रेलवे की जमीन पर सब्जी मंडी लगी है। प्रयाग से फाफामऊ के बीच ट्रैक का चौड़ीकरण हुआ तो कई बस्तियों को हटाया गया। प्रयाग स्टेशन के आसपास भी पटरियों के नजदीक कई आवास बने हैं। यह भी मानक के विपरीत है।

पूर्व में चलाया जा चुका है अभियान

रेल पटरी के किनारे बस्तियों को हटाने के लिए हालांकि समय-समय पर रेलवे का अभियान भी चला है। सिविल इंजीनियर के निर्देशन में बीते कुंभ के दौरान भी अभियान चला था। इसके बावजूद स्थिति जस की तस हो गई है।

एनसीआर के सीपीआरओ कहते हैं

  उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह कहते हैं कि पटरियों के किनारे खाली पड़ी जमीन पर अक्सर लोग कब्जा कर लेते हैं। इन कब्जों को चिह्नित करके हटाने की प्रक्रिया निरंतर चल रही है। अब तक कई कब्जे हटाए जा चुके हैं। वहीं जहां पर ज्यादा खतरा दिखता है, वहां पर दीवार उठा दी गई है। अभी भी जहां कब्जा है उसे हटवाया जाएगा।


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