Move to Jagran APP

Railway Encroachment : ये है प्रयागराज-वाराणसी रूट पर बस्ती, यहां रेलवे ट्रैक के किनारे पक्‍के मकान भी मुंह चिढ़ा रहे

Railway Encroachment वैसे तो प्रयागराज में दिल्‍ली-हावड़ा और प्रयागराज-वाराणसी रेल रूट पर भी रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्‍गी-झोपड़ी के साथ ही पक्‍के मकान भी बने हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 11:09 AM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 11:09 AM (IST)
Railway Encroachment : ये है प्रयागराज-वाराणसी रूट पर बस्ती, यहां रेलवे ट्रैक के किनारे पक्‍के मकान भी मुंह चिढ़ा रहे
Railway Encroachment : ये है प्रयागराज-वाराणसी रूट पर बस्ती, यहां रेलवे ट्रैक के किनारे पक्‍के मकान भी मुंह चिढ़ा रहे

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज-वाराणसी रूट पर झूंसी के आजाद नगर की केवटाना बस्ती भी रेलवे ट्रैक के किनारे बसी है। यहां पर अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए जब रेलवे की ओर से रेलवे ट्रैक के किनारे दीवार खड़ी कर दी है तो लोग दीवार से सटकर आवास बना लिए हैं। इसी प्रकार प्रयागराज में अन्‍य रेल रूटों पर भी रेलवे पटरी के किनारे कच्‍चे और पक्‍के मकान बने हुए हैं।

loksabha election banner

रेलवे ट्रैक के किनारे झुग्गी-झोपड़ी ही नहीं, पक्‍के मकान भी हैं

रेलवे ट्रैक के किनारे केवल झुग्गी झोपड़ी ही नहीं, गांवों के कई पक्के मकान भी बने हुए हैं। यह मकान ट्रैक से 15 मीटर के अंदर बने हुए हैं। साल दो साल से नहीं बल्कि दशकों से बने हुए हैं। इसलिए रेलवे भी उनको हटाने की हिम्मत नहीं कर रहा है। हालांकि जब ट्रैक का चौड़ीकरण हुआ तो ऐसे लोगों को मुआवजा देकर विस्थापित जरूर किया गया था।

प्रयागराज छिवकी जंक्शन से मुगलसराय रूट पर भी बने हैं मकान

प्रयागराज छिवकी जंक्शन से मुगलसराय की ओर दुबराजपुर रेलवे क्रासिंग के निकट पटरी से थोड़ी दूर पर पक्के मकान बने हुए हैं। यह मकान मुश्किल से पांच मीटर की दूरी पर होंगे। यहां पटरी से दूरी के मानक का पालन नहीं किया जा रहा है। यहां बना मकान भी सालों पुराना है। चूंकि लोग पीढ़ी दर पीढ़ी यहां रहते आए हैं इसलिए रेलवे ने उनको हटाने का कभी प्रयास नहीं किया है। इसके अलावा छिवकी गांव के भी कई मकान पटरी के नजदीक बने हुए हैं। प्रयागराज से कानपुर रूट पर कुछ गांवों में पटरी के नजदीक बनाए हैं। यह कब्जे दशकों पुराने हैं इसलिए रेलवे को उन्हें हटाने के लिए लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अब सुप्रीम कोर्ट ने रेल ट्रैक के किनारे बनी झुग्गी झोपड़ी को हटाने का आदेश दिया तो अधिकारी सक्रिय हो गए हैं।

एनसीआर के सीपीआरओ ने यह कहा

उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि जहां भी रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण है, उसे चिह्नित किया जा रहा है। अवैध कब्जे हटाकर वहां पर दीवार बनाने की योजना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.