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Excise Department प्रयागराज में तबादले को लेकर खींचतान तेज, उठ रहे सवाल फिर भी छाई है खामोशी

प्रयागराज में तैनात छह आबकारी निरीक्षकों को कोरोना महामारी के वक्त सैकड़ों किलोमीटर दूर बरेली मेरठ और आगरा जैसे जिलों में प्रवर्तन इकाई में भेजा गया है। ऐसा ही हाल सिपाहियों का भी हुआ है। स्थानांतरण की वजह क्या है यह तो साफ नहीं है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 07 Jun 2021 09:39 AM (IST)Updated: Mon, 07 Jun 2021 09:39 AM (IST)
Excise Department प्रयागराज में तबादले को लेकर खींचतान तेज, उठ रहे सवाल फिर भी छाई है खामोशी
प्रयागराज के आबकारी विभाग में कई को हटाने व कुछ को बचाने का भी आरोप लग रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। आबकारी विभाग में चली तबादला एक्सप्रेस को लेकर खींचतान तेज हो गई है। आबकारी निरीक्षक, प्रधान आबकारी सिपाही और सिपाही के स्थानांतरण पर जहां सवाल उठ रहे हैं, वहीं कई को हटाने व कुछ को बचाने के आरोप भी लग रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि अलीगढ़ जिले में जहरीली शराब के चलते सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कमिश्नर तक को पद से हटा दिया गया, लेकिन उसी जिले के एक इंस्पेक्टर को प्रयागराज में प्राइम पोस्टिंग मिल गई। प्रवर्तन, एसएसएफ और ईआइबी के इंस्पेक्टरों को भी जिले में तैनाती दी गई है। ऐसे में विभाग के अफसरों, कर्मचारियों में असंतोष व असहज की स्थिति है।

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कोरोना काल में छह आबकारी निरीक्षकों को दूर भेजा गया

प्रयागराज में तैनात छह आबकारी निरीक्षकों को कोरोना महामारी के वक्त सैकड़ों किलोमीटर दूर बरेली, मेरठ और आगरा जैसे जिलों में प्रवर्तन इकाई में भेजा गया है। ऐसा ही हाल सिपाहियों का भी हुआ है। स्थानांतरण की वजह क्या है, यह तो साफ नहीं है, लेकिन कुछ अधिकारी प्रशासनिक आधार पर तो कुछ कर्मचारी जहरीली शराब के चलते तबादले की कार्रवाई की बात कह रहे हैं।

कई इंस्‍पेक्‍टर व सिपाही कई साल से जमे हैं लेकिन उनका ट्रांसफर नहीं हुआ

ऐसे में यह सवाल उठ रहे हैं कि अगर जिले में जहरीली शराब से मौत होने के लिए जितना फील्ड इंस्पेक्टर और दूसरे कर्मचारी जिम्मेदार थे। उतना ही अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई के लिए विशेष तौर बनाई गई प्रवर्तन, एसएसएफ व ईआइबी में तैनात निरीक्षक व अन्य कर्मचारियों भी थे। हालांकि उनका तबादला करने के बजाय जिले में ही प्राइम पोस्टिंग दे दी गई। इतना ही नहीं, जिले में तैनात कई इंस्पेक्टर व सिपाही अभी भी कई साल से जमे हुए हैं, लेकिन उनका स्थानांतरण नहीं हुआ।

तबादले पर उठ रहे हैं सवाल

एक कर्मचारी का कहना है कि कोरोना से दो इंस्पेक्टर की मां की मौत हुई और कई परिवार समेत संक्रमित हुए। इसके बावजूद मानवीय आधार को न देखकर दूर-दराज भेजा गया है। बहरहाल, विभाग में चल रही रस्साकस्सी और खींचतान सभी खामोश हैं और तबादले पर सवाल भी उठा रहे हैं।


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