प्रतापगढ़ में लापरवाही बरतने पर क्रय केंद्र प्रभारी निलंबित, गेहूं खरीद की नहीं हुई थी फीडिंग
साधन सहाकरी समिति दाउदपुर में केंद्र प्रभारी शंभूनाथ यादव पर किसानों का गेहूं न लेने का आरोप है। इसके अलावा केंद्र पर हुई खरीद की भी फीडिंग नहीं हुई थी। शनिवार को अपर मंडलायुक्त प्रथम पुष्पराज सिंह ने केंद्र का औचक निरीक्षण किया तो केंद्र प्रभारी की लापरवाही सामने आई।
प्रयागराज,जेएनएन। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में केंद्र प्रभारी द्वारा किसानों का गेहूं न लेने, समय से किसानों के खाते में भुगतान न होने, किसानों के साथ गलत व्यवहार करने आदि के आरोप में एक केंद्र प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दूसरे केंद्र प्रभारी को भी निलंबित किए जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए बोर्ड को पत्र लिखा गया है। केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई किए जाने से खलबली मची हुई है।
जिले के पट्टी तहासील क्षेत्र के साधन सहाकरी समिति दाउदपुर में केंद्र प्रभारी शंभूनाथ यादव पर किसानों का गेहूं न लेने का आरोप है। इसके अलावा केंद्र पर हुई खरीद की भी फीडिंग नहीं हुई थी। शनिवार को अपर मंडलायुक्त प्रथम पुष्पराज सिंह ने केंद्र का औचक निरीक्षण किया तो केंद्र प्रभारी की लापरवाही सामने आई। मौजूद किसानों ने भी गेहूं न लेने, पैसा न भेजवाने आदि शिकायत अफसर से की थी।
अपर मंडलायुक्त ने एआर कोआपरेटिव को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इस पर एआर कोआपरेटिव अमित कुमार पांडेय ने केंद्र प्रभारी को निलंबित कर दिया है। इसी तरह की लापरवाही बरतने पर साधन सहकारी समिति गौरामाफी के केंद्र प्रभारी धर्मेंद्र बहादुर को भी निलंबित करने के लिए बोर्ड को पत्र लिखा गया है। एआर कोआपरेटिव अमित कुमार पांडेय ने बताया कि लापरवाही बरतने पर केंद्र प्रभारी शंभूनाथ यादव को निलंबित किया गया है, जबकि धर्मेंद्र बहादुर पर कार्रवाई के लिए बोर्ड को पत्र लिखा गया है।
केंद्र प्रभारी को अतिरिक्त प्रभार
दाउदपुर के केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई करने के बाद उदईशाहपुर केंद्र के प्रभारी को यहां का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
लापरवाह केंद्र प्रभारियों की है लंबी फौज
गेहूं की खरीद में पीसीएफ के केंद्र प्रभारियों व खाद्य विभाग के निरीक्षकों ने जमकर लापरवाही बरती है। गेहूं विक्रय करने के सप्ताह भर से अधिक समय के बाद भी उनके खाते में पैसा नहीं भेजा गया। यहां तक कि केंद्र पर गेहूं बेचने के लिए किसानों को कई दिनों तक चक्कर लगाना पड़ा। इसके अलावा भी किसानों को अन्य तरह की समस्याओं को झेलना पड़ा। किसानों ने अफसरों से शिकायत भी की, लेकिन कोई खास कार्रवाई नहीं हो सकी।