मनोवैज्ञानिक ने दी सलाह- कोरोना वायरस से मुकाबला के लिए धैर्य व साहस बनाए रखें, इससे आत्मबल बढ़ेगा
मनोविज्ञानशाला के प्राध्यापक डॉ. कमलेश कुमार ने सलाह दिया कि परिवार के सभी सदस्य बैठकर किसी भी विषय पर समूह चर्चा करें। हर सदस्य उसमें अपना-अपना पक्ष रखे। ऐसा करने से आपदा से ध्यान हटेगा और घर के माहौल में नीरसता की जगह उमंग का संचार होगा।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के इस कठिन दौर में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से हर कोई प्रभावित है। हर कोई चिंतित व परेशान है। ऐसी स्थिति में काफी लोग धीरे-धीरे अवसाद से ग्रसित होने लगे हैं। मनोविज्ञानशाला के प्राध्यापक डॉ. कमलेश कुमार बताते हैं कि आपदा की इस घड़ी में समझदारी से काम करने की जरूरत है। घर के बड़े व्यक्ति पूरे परिवार को धैर्य व साहस बनाए रखने को प्रेरित करें। प्रेरक कहानियां व महापुरुषों के कृतित्व-व्यक्तित्व पर चर्चा करें। ऐसा करने से आत्मबल बढ़ेगा और सकारात्मक विचार मन में आएंगे।
बच्चों के साथ करें चर्चा
डॉ. कमलेश कुमार कहते हैं कि घर के बड़े लोग बच्चों के साथ बैठकर उनकी पढ़ाई के संबंध में चर्चा करें। बच्चों की छोटी-छोटी बातों को प्रमुखता से निस्तारित करें। बच्चों को लगातार प्रोत्साहित करना चाहिए। परिवार के सभी सदस्य बैठकर किसी भी विषय पर समूह चर्चा करें। हर सदस्य उसमें अपना-अपना पक्ष रखे। ऐसा करने से आपदा से ध्यान हटेगा और घर के माहौल में नीरसता की जगह उमंग का संचार होगा।
अफवाहों से बचें, अध्ययन करें छात्र
मनोविज्ञानशाला के प्राध्यापक छात्र-छात्राएं जो अध्ययन कर चुके हैं, उसे पुन: पढ़ें। जो अध्ययन न कर पाए हों, उसे याद करें। यह काम समय सारणी बनाकर करना उचित रहेगा। नकारात्मक सूचनाओं और अफवाहों पर किसी प्रकार से ध्यान न दें। घर के किसी भी सदस्य में अगर कोई विशेष गुण हो तो उसका प्रदर्शन उसे अवश्य करवाएं। घर के सभी सदस्य उसका आनंद लें।
हर पल का उठाएं लुत्फ
डॉ. कमलेश सुझाव देते हुए कहते हैं कि आज आपदा का दौर जरूर है। हालांकि अपनी छोटी-छोटी चीजों का लुत्फ उठाने का गुर सीखना होगा। यह उसके लिए उपयुक्त समय है। तभी निराशा से दूर होकर जीवन में आशा आएगी। यह भी याद रखें कि कोरोना की समस्या के बीच आप अकेले नहीं हैं। शिक्षित होने के कारण हिम्मत से कार्य करते रहें। परिवार में पूर्व में जो घटना या कार्यक्रम आनंददाई रहा हो उसकी चर्चा समय-समय पर करते रहें।