...तो प्रयागराज के अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों को जेम पोर्टल की व्यवस्था मंजूर नहीं
प्रयागराज के अंशकालिक खेल प्रशिक्षक ने कहा कि जेम पोर्टल की व्यवस्था में सभी को अपना गृह जनपद छोडऩा पड़ेगा। इतने कम मानदेय पर कोई भी अपने घर को नहीं छोड़ सकता। सभी प्रशिक्षक करीब 15 साल से नियमित अपनी सेवाएं दे रहे हैं फिर भी ऐसा हो रहा है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण काल से ही अंशकालिक खेल प्रशिक्षक परेशान हैं। उनका आटो रिन्यूवल नहीं हुआ। मानदेय भी अब नहीं मिल रहा है। इससे आर्थिक संकट भी उनके समक्ष खड़ा हो गया है। खेल मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देशों में कहा गया है कि अब अंशकालिक खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति जेम पोर्टल के जरिए होगी। जिले के करीब 400 अंशकालिक खेल शिक्षकों ने बैठक कर इसका विरोध किया है।
अंशकालिक खेल प्रशिक्षक संजय श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया कि जेम पोर्टल की व्यवस्था में सभी को अपना गृह जनपद छोडऩा पड़ेगा। इतने कम मानदेय पर कोई भी अपने घर को नहीं छोड़ सकता। सभी प्रशिक्षक करीब 15 साल से नियमित अपनी सेवाएं दे रहे हैं फिर भी उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है। खेल प्रशिक्षकों का यह भी कहना है कि साई की तरफ से जो भी प्रशिक्षक नियुक्त किए जाते हैं उन्हें तीन साल बाद स्थाई कर दिया जाता है लेकिन यहां 15 वर्ष की सेवा का कोई मोल नहीं है।
आंदोलन को तेज करने का लिया निर्णय
अंशकालिक खेल शिक्षकों का कहना है कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। वे नियुक्ति प्रक्रिया में भी हिस्सा नहीं लेंगे। ऐसे में आने वाले दिनों में स्टेडियम व स्पोट््र्स काम्प्लेक्स में अभ्यास के लिए आने वाले खिलाडिय़ों को प्रशिक्षक भी नहीं मिलेंगे। प्रयास होगा कि नवोदित खिलाड़ी भी उनके आंदोलन का हिस्सा बनें। इस संबंध में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी अनिल तिवारी ने बताया कि उनके स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा है। सभी चीजें शासन स्तर से निर्धारित हो रही हैं।