यूजर चार्ज लगाने का हो रहा है Prayagraj में विरोध, इसे जनता की जेब में डाका कह रहे लोग
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी और व्यापारी नेता संतोष पनामा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नगर निगम प्रयागराज द्वारा बढ़ाए जा रहे गृहकर और यूजर चार्ज को वापस लिया जाए जिससे आम व्यापारी और नागरिक को राहत मिल सके।
प्रयागराज, जेएनएन। गृहकर में बढ़ोत्तरी की खिलाफत के बीच ही अब नगर निगम द्वारा जनता से यूजर चार्ज वसूली का जबरदस्त विरोध हो रहा है। कई पार्षद और व्यापारी नेताओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रही जनता पर यूजर चार्ज थोपना एक तरह से जेब में डकैती डालना है।
मिलेगा कमीशनखोरी को बढ़ावा
पिछले महीने गृहकर में बढ़ोत्तरी की बात सामने आने के बाद से हर तरफ इसका तीखा विरोध किया जा रहा है। इसी बीच पीडीए ने बेटरमेंट चार्ज वसूलने की भी घोषणा कर दी है। अब नगर निगम द्वारा जनता से यूजर चार्ज वसूलने के फैसले की बात सामने आई है। इससे लोगों में नाराजगी होनी स्वाभाविक है। पार्षद शिवसेवक सिंह से लेकर किरण जायसवाल समेत कई अन्य नेता इसके विरोध में आवाज उठा चुके हैं। अब यूजर चार्ज के खिलाफ भी व्यापारी नेता मुखर होकर सामने आ रहे हैंं। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी और व्यापारी नेता संतोष पनामा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि नगर निगम प्रयागराज द्वारा बढ़ाए जा रहे गृहकर और यूजर चार्ज को वापस लिया जाए जिससे आम व्यापारी और नागरिक को राहत मिल सके। इस बैठक में केके अग्रवाल, शौकत अली, बसंत लाल आज़ाद, गया प्रसाद केसरवानी, विपिन अग्रवाल, प्रमिल केसरवानी, दिलीप चौरसिया आदि शामिल रहे। इसी तरह, जनहित संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रमिल केसरवानी ने नगर निगम द्वारा जनता से यूजर चार्ज वसूलने के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि यूजर चार्ज के नाम पर आम जनमानस से धन उगाही करने का एक नया तरीका बनाया गया है जिससे कमीशन खोरी को बढ़ावा मिलेगा। यूजर चार्ज के नाम पर घर-घर से जनता से कूड़ा उठाने के लिए 70 रुपये प्रति महीना वसूली को बाध्य किया जाएगा जबकि जनता कूड़ा उठाने के लिए ही गृहकर देती है।
एक ही सुविधा के लिए दो शुल्क वसूली
एक ही सुविधा के लिए दो तरीके से पैसा वसूलना जनता के साथ अन्याय है। प्रयागराज नगर निगम में लगभग तीन लाख परिवार रजिस्टर्ड है। अगर एक परिवार से ₹70 प्रतिमाह यूजर चार्ज लिया जाता है तो लगभग दो करोड़ 10 लाख रुपए प्रतिमाह जनता से वसूल किए जाएंगे जबकि नगर निगम चाहे तो प्रत्येक वार्ड में 4 अन्य संविदा कर्मचारी लगाकर यह काम करा सकती है। 80 वार्डों में 320 संविदा कर्मचारियों की तैनाती करनी पड़ेगी। 7500 रुपये प्रति संविदा कर्मचारी के हिसाब से 22 लाख 50 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन में व्यय होगा।
जनहित संघर्ष समिति विरोध करेगी और इन कमीशनखोरों की हकीकत जनता के सामने पर्दाफाश करेगी। समिति के युवा अध्यक्ष अभिलाष केसरवानी ने कहा कि जब तक नगर निगम सदन में कोई प्रस्ताव पारित नहीं हो जाता है उसे लागू नहीं किया जा सकता लेकिन तानाशाही रवैया अपनाते हुए सिर्फ कार्यकारिणी की मीटिंग में ही फैसला लेकर आम जनता को पर नए-नए टैक्स लादे जा रहे हैं। बैठक में शलभ पांडे, रवि शुक्ला, कुलदीप चौरसिया, प्रवीण गुप्ता, अमित केसरवानी, सुमित केसरवानी आदि लोग उपस्थित रहे।