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Fear of Coronavirus : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष पद से प्रोफेसर सिंघल का इस्तीफा

विभागाध्यक्ष के कमरे में फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पाता था। दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का भी खतरा सता रहा था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 10:13 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jun 2020 01:22 PM (IST)
Fear of Coronavirus : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष पद से प्रोफेसर सिंघल का इस्तीफा
Fear of Coronavirus : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष पद से प्रोफेसर सिंघल का इस्तीफा

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस का खौफ इलाहाबाद यूनिवर्सिटी तक पहुंच चुका है। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार सिंघल ने कोरोना वायरस के डर से अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अभी उनका एक साल का कार्यकाल बाकी था। सेहत खराब होने के चलते वह काम करने में भी खुद को काफी असहज महसूस कर रहे थे। 

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अस्‍थमा की बीमारी का हवाला देकर दिया इस्‍तीफा

इविवि के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष रहे 60 वर्षीय प्रोफेसर सिंघल ने बताया कि वह अस्थमा के मरीज भी हैं। विभाग में मॉस्क लगाकर काम करने में सांस फूलने की समस्या होती थी। इसके अलावा विभागाध्यक्ष के कमरे में फिजिकल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं हो पाता था। दिनभर लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ऐसे में उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण का भी खतरा सता रहा था।

...कहीं दाखिले का उन पर दबाव तो नहीं था

प्रो. सिंघल ने बताया कि शुक्रवार को ही उन्होंने सेहत खराब होने का हवाला देते हुए पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। जबकि चर्चा तो इस बात की भी है कि विभाग में संयुक्त शोध प्रवेश परीक्षा (क्रेट-2019) में कुछ छात्रों के दाखिले का उन पर दबाव बनाया जा रहा था। ऐसे में उन्होंने अध्‍यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। गौरतलब हो कि वाणिज्य संकाय में पीएचडी की कुल 55 सीटों के सापेक्ष कोर्ट के आदेश पर 48 सीटों पर पिछले दिनों प्रवेश हुआ। बाकी की सात सीटें एससी-एसटी वर्ग की हैं। अब उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि उन सीटों को दूसरे वर्ग में समायोजित कर कुछ छात्रों को प्रवेश दिया जाए। इसके लिए छात्रों के एक गुट के कहने पर इविवि के कुछ प्रशासनिक अफसर दबाव बना रहे हैं। हालांकि, इविवि प्रशासन ने इस संदर्भ में कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।


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