Income Tax: पोर्टल में दिक्कत से आयकर में छूट के लिए आवेदन करने में हो रही समस्या
धार्मिक संस्थाओं ट्रस्टों एवं सोसाइटी को आयकर में छूट पाने के लिए 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य किया गया है। नई धार्मिक संस्थाओं ट्रस्टों एवं सोसाइटी के अलावा उन संस्थाओं को भी आनलाइन आवेदन करना है जिन्हें आयकर विभाग द्वारा पहले से छूट प्रदान की गई है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। आयकर में छूट पाने के लिए धार्मिक संस्थाओं, सोसाइटी और ट्रस्टों को 31 मार्च 2022 तक आयकर विभाग के पोर्टल (वेबसाइट) पर आनलाइन आवेदन करना है लेकिन, काफी समय से पोर्टल के काम न करने के कारण आवेदन नहीं हो पा रहे हैं। पोर्टल के फेर में धार्मिक संस्थाएं, ट्रस्ट और सोसाइटी फंस गई हैं। शिकायतों के बावजूद समस्या का निराकरण न होने से संस्थाओं, ट्रस्टों एवं सोसाइटी संचालकों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।
आयकर में छूट के लिए 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य
वित्त मंत्रालय द्वारा देश भर में धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों एवं सोसाइटी को आयकर में छूट पाने के लिए 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन करना अनिवार्य किया गया है। नई धार्मिक संस्थाओं, ट्रस्टों एवं सोसाइटी के अलावा उन संस्थाओं को भी आनलाइन आवेदन करना है, जिन्हें आयकर विभाग द्वारा पहले से छूट प्रदान की गई है। शहर में ऐसी संस्थाओं एवं सोसाइटी की संख्या करीब 15 हजार के आसपास बताई गई। इसमें से लगभग 10 हजार से ज्यादा संस्थाएं एवं सोसाइटी अभी भी हैं जो छूट पाने के लिए आनलाइन आवेदन करना चाहती हैं मगर, वेबसाइट पर आवेदन अपलोड न होने से आवेदन करने से वंचित हैं।
इन धाराओं के तहत वेबसाइट पर फार्म उपलब्ध
कर एवं वित्त सलाहकार डा. पवन जायसवाल का कहना है कि आयकर अधिनियम की धारा 10, 12 (एए), 12 (एबी) और 80 (जी) के तहत फार्म आनलाइन उपलब्ध हैं पर वेबसाइट में दिक्कत होने के कारण भरे नहीं जा पा रहे हैं। एक ट्रस्ट के संस्थापक आलोक सिंह का कहना है कि आवेदन किए काफी समय हो गया पर पोर्टल न चलने के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। माना जा रहा है, अगर इस समस्या का जल्द निराकरण नहीं हुआ तो बहुत सी संस्थाएं एवं सोसाइटी छूट का लाभ पाने से वंचित रह जाएंगी।
रिटर्न फाइलिंग, नोटिस, अपील फेसलेस
कर एवं वित्त सलाहकार डा. पवन जायसवाल के मुताबिक रिटर्न फाइलिंग, अन्य नोटिसें एवं उनके उत्तर, अपील व विभिन्न प्रकार के आदेश फेसलेस हो गए हैं। नई वेबसाइट पर यह काम हो रहे हैं।