निजी सीबीएसई स्कूलों में किताबों और स्टेशनरी में भी खूब मनमानी
निजी सीबीएसई स्कूल में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक परेशान हैं। इन स्कूल के प्रबंधन फीस के साथ किताबों और स्टेशनरी में वसूली कर रहे हैं।
प्रयागराज : निजी कॉन्वेंट स्कूलों के प्रबंधन की मनमानी के कारण मध्यम वर्गीय परिवार के लोगों के लिए अपने बच्चों की पढ़ाई कराना मुश्किल होता जा रहा है। इन स्कूलों में मनमानी फीस वसूली जा रही है। किताबें और स्टेशनरी भी प्रबंधन मनचाहे दामों पर बिकवा रहा है। आलम यह है कि कई स्कूल परिसरों में किताबों और स्टेशनरी की दुकानें खुलवा दी गई हैं। स्कूल प्रबंधन का दुकानदारों से कमीशन बंधा होता है।
स्कूल परिसर में ही स्टेशनरी व कॉपी किताब की दुकान
तेलियरगंज स्थित सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एक स्कूल परिसर में किताबों और स्टेशनरी की खुलवाई गई दुकान से ही बच्चों को सभी सामान खरीदने का फरमान है। ऐसे में अभिभावकों की भी मजबूरी है, बच्चों को पढ़ाना है तो किताबें, कॉपी आदि वहीं से खरीदनी पड़ेगी। यहां कक्षा एक के बच्चों की किताबें और स्टेशनरी की कीमत करीब 27 सौ रुपये है। किताबें 1370 और स्टेशनरी 1300 रुपये की हैं। खास यह कि कई सामान बाजार रेट से दोगुने और इससे भी ज्यादा दाम पर बेचे जा रहे हैं।
मनमाना रेट लिया जा रहा है
उदाहरण के लिए दो फेवीस्टिक की कीमत 20 की जगह 40, दो पेंसिल की कीमत छह की जगह 12, आर्ट कॉपी की कीमत 30 की जगह 60 रुपये, चार लाइन वाली इंटरलीफ कॉपी 35 की जगह 105, चार लाइन कॉपी 35 की जगह 175, सिंगल लाइन की कॉपी 35 की जगह 140 और थ्री इन वन कॉपी की कीमत 50 की जगह सौ रुपये वसूली जा रही है। अन्य कक्षाओं के बच्चों की किताबें और स्टेशनरी की कीमत तो इससे काफी ज्यादा है।
विद्यालय प्रबंधन बोलने को तैयार नहीं हैं
विद्यालय प्रबंधन इस बारे में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। स्कूल में कई बड़े अफसरों के भी बच्चे पढ़ते हैैं सो प्रशासन की ओर से भी स्कूल के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई की उम्मीद नहीं है। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी अभिभावक ने शिकायत भी नहीं की है।
किताब के नाम रेट
हिंदी 270
अंग्रेजी 345
अंग्रेजी ग्रामर 155
गणित 355
ईवीएस 245