edible oils की कीमतों में फिर वृद्धि के आसार, तेल कंपनियों ने दिए दाम बढ़ाने के संकेत
आज साप्ताहिक बंदी के बाद बाजार खुलने पर रेट बढ़ जाएं। बता दें कि होली के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला शुरू हुआ था तो सरसों के तेल का थोक रेट 2700 रिफाइंड 2400 और पामोलिन भी 2300 रुपये तक पहुंच गया था।
प्रयागराज,जेएनएन। इस महीने खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट होने से लोगों को महंगाई की मार से कुछ राहत मिली थी लेकिन, कंपनियों ने खाद्य तेलों की कीमतों में फिर से वृद्धि होने के संकेत दिए हैं। इससे थोक रेट के साथ फुटकर दाम में भी बढ़ोत्तरी तय है। शहरियों को खाद्य तेल खरीदने के लिए फिर अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी।
अनलॉक होते ही खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट होना शुरू हो गई थी
इस महीने अनलॉक होते ही खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट होना शुरू हो गई थी। तीन-चार बार में करके सरसों के तेल, सोयाबीन यानी रिफाइंड और पामोलिन की थोक कीमतों में दो सौ रुपये 15 लीटर/किलो की गिरावट दर्ज हुई। सरसों के तेल का रेट घटकर 2500 रुपये 15 किलो टिन, रिफाइंड का दाम 2200 रुपये 15 लीटर टिन और पामोलिन का दाम 2050 रुपये 15 किलो टिन तक हो गया। सरसों के तेल का फुटकर रेट भी घटकर 155 से 160, रिफाइंड का दाम 130 से 135 और पामोलिन की कीमत 125 रुपये तक हो गया। तेल कंपनियों ने थोक कारोबारियों को खाद्य तेलों की कीमतों में करीब 50 रुपये टिन तक वृद्धि के संकेत दी हैं।
आज दाम बढ़ने की है संभावना
संभव है कि सोमवार यानी आज साप्ताहिक बंदी के बाद बाजार खुलने पर रेट बढ़ जाएं। बता दें कि होली के बाद से खाद्य तेलों की कीमतों में वृद्धि का सिलसिला शुरू हुआ था तो सरसों के तेल का थोक रेट 2700, रिफाइंड 2400 और पामोलिन भी 2300 रुपये तक पहुंच गया था। इससे फुटकर कीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई थी। इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश चंद्र केसरवानी का कहना है कि खाद्य तेलों की कीमतें फिर बढ़ सकती हैं।