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Ayodhya Ram Mandir : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कन्हैया प्रभुनंद के बयान पर बिफरे Prayagraj News

Ayodhya Ram Mandir अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि साधु की कोई जाति नहीं होती। संन्यास लेने के बाद सभी बराबर हो जाते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 03:56 PM (IST)Updated: Sat, 01 Aug 2020 04:07 PM (IST)
Ayodhya Ram Mandir : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कन्हैया प्रभुनंद के बयान पर बिफरे Prayagraj News
Ayodhya Ram Mandir : अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष कन्हैया प्रभुनंद के बयान पर बिफरे Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर कन्हैया प्रभुनंद गिरि का बयान संत समाज में नाराजगी का सबब बन गया है। कन्हैया प्रभुनंद ने कहा है कि श्रीराम जन्मभूमि में पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन में उन्हेंं नहीं बुलाना अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान होगा। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने उनके इस बयान पर नाराजगी जताई है। 

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बोले, साधु की कोई जाति नहीं होती

शनिवार को बयान जारी कर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि साधु की कोई जाति नहीं होती। संन्यास लेने के बाद सभी बराबर हो जाते हैं। उनका बयान संत परंपरा के खिलाफ है। वह इस मामले में जूना अखाड़ा के संरक्षक व अखाड़ा परिषद के महामंत्री महंत हरि गिरि से बात करेंगे। अगर कन्हैया ने बयान वापस नहीं लिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

महंत नरेंद्र गिरि बोले, सभी भूमि पूजन में मानसिक रूप से उपस्थित रहें

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण का काम अच्छे से चल रहा है। हर संत, महात्मा व श्रद्धालु भूमि पूजन में मानसिक रूप से उपस्थित रहें। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सबको अयोध्या बुलाना संभव नहीं है।

कन्हैया प्रभुनंद ने अपनी पीड़ा जाहिर की थी

अप्रैल 2018 में प्रयागराज स्थित जूना अखाड़ा के मौज गिरि मंदिर में महामंडलेश्वर की पदवी पाने वाले कन्हैया प्रभुनंद मूल रूप से आजमगढ़ के रहने वाले हैैं। मौजूदा समय वह वहीं अपने आश्रम में प्रवास कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में मीडिया के कुछ लोगों से बात करते हुए खुद को भूमि पूजन में आमंत्रित नहीं करने पर अपनी पीड़ा जाहिर की थी। इस प्रसंग को अनुसूचित जाति की उपेक्षा से जोड़ दिया। महंत नरेंद्र गिरि का कहना है कि कन्हैया ने मीडिया में सुर्खी बनने के लिए गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है। जबकि महामंडलेश्वर कन्हैया का कहना है कि वह अखाड़ा की परंपरा और सारे संत महात्माओं का सम्मान करते हैं। एक धर्मगुरु होने के नाते उन्होंने श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने की इच्छा जताई थी। यह आवाज अपने सम्मान के लिए उठाई थी। उसे मानना या न मानना आयोजकों का काम है। इसके पीछे कोई दूसरी मंशा नहीं है।


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