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अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष भी आगे आए, अशोक सिंहल को भारत रत्‍न देने का किया समर्थन Prayagraj News

प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि श्रीराम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के लिए अशोक सिंहल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए!

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 01:31 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 04:57 PM (IST)
अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष भी आगे आए, अशोक सिंहल को भारत रत्‍न देने का किया समर्थन Prayagraj News
अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष भी आगे आए, अशोक सिंहल को भारत रत्‍न देने का किया समर्थन Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। अयोध्‍या में श्रीराम मंदिर आंदोलन में स्व. अशोक सिंहल की प्रमुख भूमिका रही है। उन्‍हें श्रीराम मंदिर आंदोलन का नायक कहा जाता है। अयोध्‍या में राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद अशोक सिंहल को देश का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' दिए जाने की मांग जोर पकडऩे लगी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी इसका समर्थन किया है। इसके पहले गायत्री गंगा चैरिटेबल संस्थान के प्रबंधक परमहंस प्रभाकर यह मांग कर चुके हैैं। वहीं सोमवार को प्रयागराज दौरे पर आए प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस मांग का समर्थन किया था।

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कहा-आगामी बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि प्रस्‍ताव करेंगे पारित

प्रयागराज में जारी वीडियो संदेश में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी में योगदान के लिए महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई है। उसी तरह सनातन धर्म व संस्कृति के प्रचार-प्रसार, वेद-पुराण के संरक्षण व श्रीराम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के लिए अशोक सिंहल को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि परिषद की आगामी बैठक में 13 अखाड़ों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। सभी प्रतिनिधि अशोक सिंहल को भारत रत्न देने का प्रस्ताव पास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजेंगे।

महंत नरेंद्र गिरि बोले कि सिंहल ने हिंदुओं को एकजुट किया था

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने अशोक सिंहल को सद् गृहस्थ संत बताया। उन्‍होंने कहा कि मंदिर आंदोलन के जरिए उन्होंने देश भर के धर्माचार्यों को एकजुट करके सनातनियों में धर्म व राष्ट्र के प्रति चेतना जगाई थी। वह सनातन धर्म व संस्कृति के सच्चे प्रवर्तक थे। उन्होंने हिंदुओं को जाति, वर्ग के भेद से मुक्त कर एकजुट किया था।


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