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COVID-19 की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी, प्रयागराज में बन रहा 100 बेड का चिल्ड्रेन ICU

मरीजाें की संख्‍या कम हुई तो मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रशासन ने कोविड-19 अस्‍पताल एसआरएन में चिल्ड्रेन आइसीयू बनाना शुरू कर दिया है। 50-50 बेड के आइसीयू दूसरे और तीसरे तल पर बनाए जाएंगे। इसमें आक्सीजन की निर्बाध सप्लाई वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 23 May 2021 03:11 PM (IST)Updated: Sun, 23 May 2021 03:23 PM (IST)
COVID-19 की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी, प्रयागराज में बन रहा 100 बेड का चिल्ड्रेन ICU
कोरोना की तीसरी लहर के संभावित खतरे के मद्देनजर प्रयागराज में इंतजाम बेहतर किए जा रहे हैं।

प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना की संभावित तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक बताई जा रही है। उसी खतरे की संभावना के मद्देनजर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के सुपर स्पेशिलिटी ब्लाक में 100 बेड के चिल्ड्रेन आइसीयू की रूपरेखा बना ली गई है। ब्लाक के दूसरे और तीसरे तल पर ये आइसीयू बनने शुरू भी हो गए हैं। वहां पहले से भर्ती कोरोना के मरीज दूसरे वार्ड में शिफ्ट किए जा रहे हैं। बच्चों के लिए वेंटिलेटर और आक्सीजन मास्क भी अलग से व्यवस्थित किए जाएंगे। अगले कुछ दिनों में चिल्ड्रेन आइसीयू बनकर तैयार हो जाएगा। 

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एसआरएन का सुपर स्पेशिलिटी ब्लाक आधे से ज्यादा खाली

कोविड-19 की दूसरी लहर अब उस रूप में नहीं जैसी अप्रैल माह में थी। संक्रमित 100 से कम मिल रहे हैं। ऐसे में लेवेल थ्री कोविड अस्पताल यानी एसआरएन का सुपर स्पेशिलिटी ब्लाक आधे से ज्यादा खाली हो गया है। यहां 320 बेड पर कोविड संक्रमित मरीज भर्ती किए जा रहे थे, अब मरीजों की संख्या 130 के करीब ही रह गई है। 

आक्सीजन की निर्बाध सप्लाई, वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी

मरीजाें की संख्‍या कम हुई तो मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रशासन ने वहां चिल्ड्रेन आइसीयू बनाना शुरू कर दिया है। 50-50 बेड के आइसीयू दूसरे और तीसरे तल पर बनाए जाएंगे। इसमें आक्सीजन की निर्बाध सप्लाई, वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी। इसके लिए सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय (चिल्ड्रेन अस्पताल) के प्रस्ताव को अमल में लाते हुए शासन से मंजूरी के बाद क्रियान्वयन शुरू हुआ है।  

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य ने कहा

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. एसपी सिंह ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर से पहले इतने इंतजाम कर दिए जाएंगे कि बच्चों पर अगर खतरा आएगा भी तो उन्हें संक्रमण से तकलीफ कम से कम होगी। हालांकि तीसरी लहर से जिस तरह के खतरे की आशंका जताई जा रही है, डा. एसपी सिंह ने कहा कि वह फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल बच्चों की इम्युनिटी मजबूत रखी जाए, कोरोना से बचने के नियमों का पालन सख्ती से हो और बच्चों को घर से बाहर न निकलने दिया जाए तो कोरोना के वायरस मामूली नुकसान करने के बाद ही निकल जाएंगे।


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