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परिषदीय विद्यालय में शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा, शिक्षकों पर कम किया जा रहा बोझ Prayagraj News

बेसिक शिक्षाधिकारी ने खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर निर्देशित किया है कि अब तक विद्यालयों में 40 से अधिक रजिस्टर व्यवहार में लाए जा रहे थे। अब इनकी संख्या 14 होगी।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 09:34 AM (IST)
परिषदीय विद्यालय में शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा, शिक्षकों पर कम किया जा रहा बोझ Prayagraj News
परिषदीय विद्यालय में शैक्षणिक माहौल बेहतर होगा, शिक्षकों पर कम किया जा रहा बोझ Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल को बेहतर बनाने की कवायद चल रही है। इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक की तरफ से सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश भी जारी हुए हैं। शिक्षकों पर से रजिस्टरों के रखरखाव का बोझ कम किया जा रहा है। अब उन्हें 40 की बजाए मात्र 14 रजिस्टर रखने होंगे। यह कदम विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा शिक्षण में बच्चों को अधिक समय देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।

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खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी

बेसिक शिक्षाधिकारी की तरफ से सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि अब तक विद्यालयों में 40 से अधिक रजिस्टर व्यवहार में लाए जा रहे थे। अब इनकी संख्या घटाकर मात्र 14 की जा रही है। इनमें शिक्षक डायरी, उपस्थिति पंजिका, प्रवेश पंजिका, कक्षावार छात्र उपस्थिति पंजिका, एमडीएम पंजिका, समेकित निश्शुल्क सामग्री वितरण पंजिका, स्टॉक पंजिका, आय व्यय पंजिका, चेक इश्यू पंजिका (बजटवार), बैठक पंजिका, निरीक्षण पंजिका, पत्र व्यवहार पंजिका, बाल गणना पंजिका, पुस्तकालय एवं खेलकूद पंजिका शामिल है।

रजिस्टरों को अभिलेख के रूप में संरक्षित किया जाएगा

सभी तरह के रजिस्टर के प्रारूप राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से उपलब्ध कराए जाएंगे। अब तक प्रयोग हो रहे सभी रजिस्टरों को अभिलेख के रूप में संरक्षित किया जाएगा। इसके अलावा प्रवेश पंजिका का विवरण, एमडीएम पंजिका, निरीक्षण पंजिका के ऑनलाइन विकल्प प्रेरणा पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे, जिससे समय-समय पर आवश्यकता के अनुसार अपडेट भी किया जाएगा। प्रेरणा पोर्टल के विभिन्न मॉड्यूल में इन पंजिकाओं में अंकित विवरण भी प्रमाणित माने जाएंगे। ऑनलाइन प्राप्त विवरण और रजिस्टर में दर्ज जानकारी में अंतर होने की स्थिति में प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षाधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा। 

दो सप्ताह में देना होगा यूनिट टेस्ट

अब सभी परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को यूनिट असेसमेंट टेस्ट देना होगा। उसी आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाएगा। यह कवायद पठन-पाठन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए की जा रही है। प्रत्येक दो सप्ताह में एक बार सभी छात्र-छात्राओं की परीक्षा अनिवार्य रूप से होगी। इससे बच्चों में होने वाले सुधार का पता चलेगा। उसी के अनुसार उपचारात्मक कक्षाएं भी चलाई जाएंगी।

खंड शिक्षाधिकारी ने कहा

खंड शिक्षाधिकारी ज्योति शुक्ला ने बताया कि नए निर्देशों के अनुसार छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए पोस्टर व चार्ट का प्रयोग किया जाएगा। गणित जैसे विषयों को आसानी से समझाने व रोचक बनाने के लिए भी टीचिंग लर्निंग मैटीरियल किट प्रयोग में लाई जाएगी। मौखिक भाषा विकास और गतिविधि आधारित पठन-पाठन पर जोर दिया जाएगा, इसके लिए उपलब्ध कराए गए लेसन प्लान का प्रयोग भी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से करना होगा।


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