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Meza Power Plant : बिजली उत्पादन में प्रयागराज का मेजा पावर प्‍लांट बढ़ाएगा प्रदेश की साख Prayagraj News

प्रयागराज अब बिजली उत्पादन में प्रदेश की साख बढ़ाएगा। मेजा पावर प्लांट की दूसरी यूनिट में 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा।

By Edited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 02:44 PM (IST)
Meza Power Plant : बिजली उत्पादन में प्रयागराज का मेजा पावर प्‍लांट बढ़ाएगा प्रदेश की साख Prayagraj News
Meza Power Plant : बिजली उत्पादन में प्रयागराज का मेजा पावर प्‍लांट बढ़ाएगा प्रदेश की साख Prayagraj News

प्रयागराज, [ज्ञानेंद्र सिंह]। यमुनापार के कोहड़ार में स्थापित मेजा पावर प्लांट की दूसरी यूनिट से भी अब बिजली का उत्पादन जल्द शुरू होने वाला है। दूसरी यूनिट के उत्पादन में सबसे बड़ी बाधा दूर हो गई है। दरअसल, रेलवे लाइन के निर्माण में जमीन का पेच फंसा था, जिसे दूर कर रेल लाइन तैयार कर ली गई है। यही नहीं मालगाड़ी का संचालन भी शुरू हो गया है। इसमें सबसे अहम पावर केबिन को भी लिंक कर दिया गया। अब मालगाड़ी के चलने से पर्याप्त मात्रा में कोयला प्लांट तक पहुंच सकेगा।

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पहली यूनिट से दो वर्ष पूर्व बिजली का उत्पादन शुरू हुआ

पहली यूनिट से 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन दो साल पहले शुरू हुआ था। इस इकाई से रोज लगभग 16 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस बिजली का 75 फीसदी हिस्सा उत्तर प्रदेश को दिया जा रहा है जबकि 25 प्रतिशत बिजली उत्तरी राज्यों को दी जा रही है। दूसरी यूनिट से भी इतनी ही बिजली पैदा होगी। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के संयुक्त उपक्रम मेजा तापीय विद्युत परियोजना की दूसरी इकाई कोयले की ढुलाई के लिए जरूरी रेलवे लाइन बिछाने में हो रहे विलंब के कारण अटकी थी।

खास बातें

- 660 मेगावाट मेजा ऊर्जा निगम से अभी बिजली हो रही पैदा

- 1320 मेगावाट मेजा ऊर्जा निगम से बिजली पैदा होगी

- दो यूनिट से 2640 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू होगा

- दोनों फेज के बनने पर 1960 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है

- बारा पावर प्लांट से 1960 मेगावाट बिजली का संयत्र करछना में है प्रस्तावित

- 6560 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा करछना, बारा व मेजा प्लांट से।

इस परियोजना हर माह कोयले की तीन रेक की जरूरत

दरअसल, कोयला आधारित इस परियोजना के लिए हर माह कोयले की तीन रेक की जरूरत होती है। एक रेक में 54 वैगन होते हैं। कोयले की इतनी बड़ी मात्रा की ढुलाई ट्रकों से किया जाना नामुमकिन है क्योंकि इसमें परिवहन की लागत कई गुना बढ़ जाती है। अब दिल्ली-कोलकाता रेल रूट पर स्थित ऊंचडिह स्टेशन से लगभग 26 किमी रेलवे की लाइन प्लांट तक बिछा दी गई है। प्लांट में कोल इंडिया लिमिटेड के बिलासपुर स्थित खान से कोयला आएगा। ऊंचडीह स्टेशन को नेशनल थर्मल पावर प्लाट की लाइन से लिंक करने का कार्य सफलता पूर्वक संपन्न हो गया। यह कार्य इलाहाबाद रेल मंडल के वरिष्ठ मंडल संकेत व दूरसंचार अभियंता (कार्य) सौरभ श्रीवास्तव, मंडल संकेत एवं दूरसंचार अभियंता (कार्य) राहुल सिंह की देखरेख में कराया गया।

बारा में भी 660 यूनिट की तीन इकाइयां चल रही

प्रयागराज के बारा में भी 660 यूनिट की तीन इकाइयां चल रही हैं, जिससे कुल 1960 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। मेजा की दूसरी यूनिट से उत्पादन शुरू होने पर जिले में अब 3300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। मेजा में दूसरे फेज के तहत 660-660 की दो इकाइयां प्रस्तावित हैं। इसके अलावा करछना में भी 660 मेगावाट की तीन यूनिट प्रस्तावित है, ये प्लांट भी बन गया तो प्रदेश में प्रयागराज बिजली उत्पादन का सबसे बड़ा हब बन जाएगा।


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