एसआरएन अस्पताल में सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्रयागराज पुलिस ने सीएमओ को भेजी रिपोर्ट
कोतवाली थाने के एसएसआइ अंजनी कुमार का कहना है कि सीएमओ को रिपोर्ट भेजी गई है। वहां से जवाब आने पर आरोपित डॉक्टरों के बारे में जानकारी जुटाकर बयान दर्ज किया जाएगा। अगर घटना से जुड़ा कोई वैज्ञानिक साक्ष्य है तो उसे भी शामिल किया जाएगा।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में युवती से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप के मामले में कोतवाली पुलिस ने विवेचना तेज कर दी है। गुरुवार को विवेचक की तरफ से मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) को घटना के संबंध में रिपोर्ट भेजी गई है। ताकि आरोपित डॉक्टर व अन्य की पहचान हो सके। इसके बाद पुलिस अभियुक्तों का बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई करेगी।
सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही पुलिस
कोतवाली पुलिस एसआरएन अस्पताल में घटना से जुड़े साक्ष्य भी संकलित कर रही है। पुलिस का कहना है कि युवती को भर्ती करने से लेकर ऑपरेशन, सामूहिक दुष्कर्म और फिर मौत होने तक से जुड़े साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। इसमें अस्पताल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाला जा रहा है और घटना के दौरान वार्ड में भर्ती दूसरे मरीजों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि पीडि़ता ने ऑपरेशन के दो दिन बाद किन परिस्थितियों में सामूहिक दुष्कर्म होने की बात कही थी और कागज में गंदा काम करने का आरोप किस आधार पर लगाया था। ऐसे और भी तथ्य हैं, जिसे जुटाकर विवेचना की जा रही है। फिलहाल कोतवाली थाने के एसएसआइ अंजनी कुमार का कहना है कि सीएमओ को रिपोर्ट भेजी गई है। वहां से जवाब आने पर आरोपित डॉक्टरों के बारे में जानकारी जुटाकर बयान दर्ज किया जाएगा। अगर घटना से जुड़ा कोई वैज्ञानिक साक्ष्य है तो उसे भी शामिल किया जाएगा। बुधवार को पुलिस ने पीडि़ता के भाई का बयान दर्ज किया था।
पीडि़त युवती की मौत के बाद पुलिस ने दर्ज की एफआइआर
मीरजापुर की एक युवती की तबियत खराब होने पर उसे स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला व पुरुष डॉक्टरों की टीम ने उसका ऑपरेशन किया था, जिसके बाद युवती के भाई ने डॉक्टर समेत चार लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मगर पुलिस ने एफआइआर तब दर्ज की, जब युवती की मौत हो गई। अब इस मामले की विवेचना कोतवाली पुलिस कर रही है।
कैबिनेट मंत्री से मिले एसआरएन के डाक्टर
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंस डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. शरद कुमार मौर्या की अगुवाई में 11 सदस्यीय जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह से मिला और ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने पिछले दिनों एक महिला मरीज की मौत के बाद उसके साथ दुष्कर्म के मामले में डॉक्टरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की जानकारी दी। कहा कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वह गलत हैं। मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल डॉक्टरों की बात सुनी और कहा कानून अपना काम करेगा, दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। यह भी स्पष्ट किया कि जो निर्दोष हैं उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं। इसी क्रम में जनसुनवाई के दौरान 47 लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं। सभी संबंधित अधिकारियों को मामलों को तुरंत निस्तारित करने का निर्देश दिया गया।