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बच्चों की जिंदगी संवारने में जुटी है प्रयागराज पुलिस, कोरोना काल में माता-पिता को गंवाने वालों की तलाश

थानों पर तैनात चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफीसर सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड हेल्पलाइन से जुड़े लोग सक्रिय हुए। बच्चों का भौतिक सत्यापन करते हुए उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। संकलित जानकारी जल्द ही आयोग को भेजी जाएगी ताकि ऐसे बच्चों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 07:30 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 07:30 AM (IST)
बच्चों की जिंदगी संवारने में जुटी है प्रयागराज पुलिस, कोरोना काल में माता-पिता को गंवाने वालों की तलाश
एसएसपी सर्वश्रेष्‍ठ त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में पुलिस मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है।

प्रयागराज, [ताराचंद्र गुप्ता]। आमतौर पर बदमाशों की धरपकड़ में जुटी रहने वाली पुलिस इन दिनों एक और मिशन पर सक्रिय है। उसका परोपकारी चेहरा काबिले गौर है। यह मिशन है कोरोना काल में माता, पिता अथवा माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चों की तलाश का। जहां भी ऐसे बच्चे मिल रहे हैैं उन्हें अपने बच्चों जैसा दुलार दिया जा रहा है। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और जिला प्रोबेशन अधिकारी की तरफ से भी ऐसा ही प्रयास किया जा रहा है। भोजन से लेकर उनकी परवरिश की चिंता की जा रही है, ताकि उन्हें यतीम होने का एहसास नहीं हो।

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महामारी कोरोना की दूसरी हाहाकारी लहर में तमाम बच्चों के सिर से अभिभावक का साया उठ गया है। जिले में अब तक कुल 94 बच्चे चिहिन्त हुए हैं। सात ने अपने माता व पिता दोनों को खो दिया है। पांच दिन पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ऐसे मासूमों, नौनिहालों और किशोरों की तलाश का निर्देश दिया था। इसके बाद थानों पर तैनात चाइल्ड वेलफेयर पुलिस आफीसर, सीडब्ल्यूसी और चाइल्ड हेल्पलाइन से जुड़े लोग सक्रिय हुए। बच्चों का भौतिक सत्यापन करते हुए उनकी जानकारी जुटाई जा रही है। संकलित जानकारी जल्द ही आयोग को भेजी जाएगी ताकि ऐसे बच्चों को केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।

दादा, मामा और रिश्तेदारों के घर पनाह

माता अथवा पिता को खोने वाले बालक, बालिकाएं फिलहाल दादा, मामा व रिश्तेदारों के घर में हैं। ऐसे सभी बच्चों की तलाश पूरी करने के बाद उनका ब्यौरा जुटा लिया गया है। पुलिस अधिकारी व चाइल्ड लाइन से जुड़े अधिकारी बच्चों को अपने पास रखने वालों से फोन पर बातचीत कर उनकी काउंसिलिंग करते हैं।

15 दिनों का राशन उपलब्ध कराया

चाइल्ड लाइन के डायरेक्टर जीपी श्रीवास्तव बताते हैैं कि भौतिक सत्यापन के बाद तमाम परिवारों को आवश्यकतानुसार 15 दिनों का राशन उपलब्ध करवाया गया है। साथ ही जरूरतें की अन्य सामग्री मुहैय्या कराई जा रही हैं। समन्वयक विजय श्रीवास्तव कहते हैैं कि दिव्यांग बच्चों के लिए आश्रयगृह न होना जटिल समस्या है।

अपनों को खोने वाले बच्चे

- 48 बालिकाएं और 46 बालक

- 69 ने पिता खोया, 18 ने मां

- 07 ने माता, पिता दोनों खोया

बच्‍चों को मदद दिलाने का है प्रयास

एसएसपी सर्वश्रेष्‍ठ त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में पुलिस भी मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर काम कर रही है। महामारी में जिन बच्चों के सिर से उनके माता अथवा पिता का साया छिन गया हैं, उन्हें मदद दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।


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