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TET Solver Gang: प्रयागराज पुलिस चार माह में नहीं पकड़ सकी देहरादून एजी आफिस का आडिटर

देहरादून स्थित एजी आफिस का आडिटर अमित पेपर उपलब्ध कराता था। फिर उसे मुकदमे में वांछित घोषित किया गया था। सात अगस्त को ही एसटीएफ की दूसरी टीम ने कौशांबी से विजय शंकर मिश्राव व गोविंद गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 07:30 AM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 07:30 AM (IST)
TET Solver Gang: प्रयागराज पुलिस चार माह में नहीं पकड़ सकी देहरादून एजी आफिस का आडिटर
टीजीटी साल्वर गैंग के मामले में है वांटेड, पीजीटी प्रकरण में भी कई अभियुक्त फरार

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पुलिस की लचर व्यवस्था और लापरवाही के चलते देहरादून एजी आफिस का आडिटर अमित वर्मा पिछले चार माह से फरारी काट रहा है। उस पर साल्वर गैंग के सरगना को प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) परीक्षा का पेपर भेजने का आरोप है। इसके अलावा प्रशिक्षित (परास्नातक) पीजीटी परीक्षा में भी सेंधमारी करने वालों के मददगार कई साथी भी वांछित चल रहे हैं। मगर इनकी अब तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इसको लेकर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में हैं।

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टीजीटी साल्वर गैंग के मामले में है वांटेड

दरअसल, सात अगस्त 2021 को एसटीएफ की टीम ने शिवकुटी थाना क्षेत्र से साल्वर गिरोह के सरगना सोरांव निवासी धर्मेंद्र कुमार सिंह उर्फ डीके और होलागढ़ के संजय पटेल को पांच साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया था। अभियुक्तों के कब्जे से इलेक्ट्रानिक उपकरण, शैक्षणिक दस्तावेज, कार व नकदी बरामद हुई थी। पूछताछ में पता चला था कि डीके पहले शिक्षक भर्ती घोटाले के मुख्य आरोपित डा. केएल पटेल के साथ काम करता था, लेकिन बाद में अपना गैंग बना लिया। उसके लिए देहरादून स्थित एजी आफिस का आडिटर अमित पेपर उपलब्ध कराता था। फिर उसे मुकदमे में वांछित घोषित किया गया था। सात अगस्त को ही एसटीएफ की दूसरी टीम ने कौशांबी से विजय शंकर मिश्राव व गोविंद गुप्ता को गिरफ्तार किया था।

 पीजीटी प्रकरण में भी कई अभियुक्त फरार

इस गैंग से जुड़े जगतपुर के संजय सिंह कुशवाहा, कोरांव के मनीष पांडेय, कीडगंज के श्यामजी पांडेय और धूमनगंज निवासी रेलवे के इंजीनियर विनोद गुप्ता को वांछित किया। मगर सभी आरोपित अब तक पकड़ से दूर हैं। इसके बाद एसटीएफ ने पीजीटी की परीक्षा में भी नकल कराने वाले गिरोह से जुड़े कई शख्स को पकड़ा गया था। फिर फतेहपुर और कौशांबी के एक शिक्षक सहित कुछ को वांटेड किया, मगर उनकी गिरफ्तारी पुलिस नहीं दिखा सकी। अब जब टीईटी का पर्चा लीक हुआ और साल्वर गैंग के सरगना, सदस्य पकड़े गए तो कहा जा रहा है कि पुराने मामले में सभी आरोपितों की गिरफ्तारी न होने के पीछे भी इसका कारण है।


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