Prayagraj Municipal Corporation: अब सड़क पर मलबा फेंकना पड़ेगा महंगा, लगेगा जुर्माना
Prayagraj Municipal Corporation राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण के लिहाज से शहर में निकलने वाले मलबे के निस्तारण के निर्देश नगर निगम को दिए थे। निगम ने इसके लिए मेसर्स आर्बिट बिल्ड एंड क्लीन इंडिया का चयन किया है।
प्रयागराज,जेएनएन। नगर निगम प्रशासन ने मलबा (सी एंड डी वेस्ट) निस्तारण के लिए एजेंसी का चयन कर लिया है। अब भवनों के मरम्मत अथवा मकान निर्माण के दौरान निकलने वाले मलबे को एजेंसी को देना पड़ेगा। एजेंसी को न देकर इधर-उधर सड़क पर मलबा फेंकने पर निगम लोगों से जुर्माना वसूलेगा।
मलबा कलेक्शन के लिए निगम प्रशासन ने एजेंसी को किया अधिकृत
राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावरण के लिहाज से शहर में निकलने वाले मलबे के निस्तारण के निर्देश नगर निगम को दिए थे। निगम ने इसके लिए मेसर्स आर्बिट बिल्ड एंड क्लीन इंडिया का चयन किया है। एजेंसी बसवार स्थित कूड़ा निस्तारण प्लांट में मलबे से ईंट बनाने का संयंत्र लगाएगी। बहरहाल, शहर में निकलने वाले मलबे के कलेक्शन के लिए निगम प्रशासन ने एजेंसी को अधिकृत कर दिया है। मलबा उठाने के लिए एजेंसी को प्रति टन 259.16 रुपये की दर से यूजर चार्ज देना पड़ेगा। इसके लिए लोगों को एजेंसी से संपर्क करना होगा। अगर लोग एजेंसी को मलबा नहीं देंगे तो उन्हें अपने खर्च पर उसे सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट पर पहुंचाना होगा। इसके लिए तय प्रोसेसिंग फीस भी देनी होगी। ऐसा न करने पर जुर्माने के साथ ही एनजीटी द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों और नगर निगम अधिनियम 1959 की सुसंगत धाराओं के तहत विधिक कार्रवाई की जाएगी।
कितने करोड़ का लगेगा प्लांट, क्या होगा फायदा
मलबा से ईंट बनाने के लिए करीब पांच करोड़ रुपये की लागत से प्लांट लगेगा। वहीं, सड़क पर मलबा फेंकने से पर्यावरण को होने वाले नुकसान की बचत होगी। ईंट बनाने पर निगम को गली, फुटपाथ, नाली, नाले के निर्माण में जो करोड़ों रुपये की ईंट खरीदनी पड़ती है, वह भी बचत होगी।