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Prayagraj Magh Mela News: प्रयागराज माघमेला में आने वाले श्रद्धालु ध्‍यान दें, मेला क्षेत्र में फिजियोथेरेपी उपचार शिविर शुरू हो गया है

Prayagraj Magh Mela News न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा की ऐसी विधा है जिसकी सिर से पैर तक होने वाले अलग-अलग रोगों में जरूरत पड़ती है। खासतौर से फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का एक बड़ा हिस्सा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 01 Feb 2021 11:48 AM (IST)Updated: Mon, 01 Feb 2021 11:48 AM (IST)
Prayagraj Magh Mela News: प्रयागराज माघमेला में आने वाले श्रद्धालु ध्‍यान दें, मेला क्षेत्र में फिजियोथेरेपी उपचार शिविर शुरू हो गया है
प्रयागराज माघ मेला के परेड मैदान पर फिजियोथेरेपी का शिविर भी शुरू हो गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में संगम तट पर लगा माघ मेला इस बार स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से काफी अहम है। एलोपैथ, होम्योपैथ, आयुर्वेद चिकित्सा सेवाओं की जगह-जगह उपलब्धता तो है ही, अब काली बांध के समीप परेड पर फिजियोथेरेपी का शिविर भी शुरू हो गया है। इसमें जरूरतमंद लोगों की फिजियोथेरेपी करके उनका मर्ज दूर किया जाएगा तो इस विधा से समय-समय पर लोगों को जागरूक भी किया जाएगा। न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने रविवार को इस शिविर का उदघाटन कर फिजियोथेरेपी का महत्व भी बताया।

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यह शिविर फिजियोथेरेपी वेंचर एसोसिएशन ने लगाया है। अध्यक्ष डा. संतोष पांडेय के निर्देशन में लगे इस शिविर में लोगों का निशुल्क इलाज किया जाएगा। इसमें शामिल हुए न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने खुशी जताते हुए कहा कि फिजियोथेरेपी चिकित्सा की ऐसी विधा है जिसकी सिर से पैर तक होने वाले अलग-अलग रोगों में जरूरत पड़ती है। खासतौर से फिजियोथेरेपी मेडिकल साइंस का एक बड़ा हिस्सा है। बताया कि सभी तरह की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी की जरूरत पड़ती है यहां तक कि कैंसर रोग के इलाज में भी यह चिकित्सा अपना महत्वपूर्ण स्थान रखती है। विडंबना है कि आवश्यकता होने के बावजूद प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में फिजियोथेरेपिस्ट के पद नहीं हैं। इससे फिजियोथेरेपी ग्रामीण क्षेत्रों तक नहीं पहुंच पा रहा है। कहा कि फिजियोथेरेपी को बढ़ावा देने के लिए वे राज्य स्तर पर जो भी संभव मदद होगी करेंगे।

कार्यक्रम का संचालन कर रहीं डा. दीप्ति योगेश्वर ने कहा कि फिजियोथेरेपी की हड्डी और नसों ही नहीं बल्कि स्त्री एवं प्रसूति रोग, बाल रोग, बुजुर्गों में होने वाली तमाम तरह की बीमारियां, कार्डियो, आइसीयू और एनआइसीयू में अलग-अलग महत्ता है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. संतोष पांडेय ने मुख्य अतिथि और समूह के सदस्यों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि फिजियोथेरेपी की अनेक शाखाएं हैं जो सभी तरह की सर्जरी के बाद मरीज की शारीरिक स्थिति में सुधार के लिए कारगर होता है।


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