Prayagraj Magh Mela 2021: कड़ाके की ठंड में रात भर धरने पर बैठे रहे तीर्थ पुरोहित, जमीन आवंटन को कर रहे मांग
Prayagraj Magh Mela 2021 सालों से जिन तीर्थ पुरोहितों को यहां जमीन मिलती थी उनको इस बार दूसरी जगह जमीन दी जा रही है जिसे वह लेने को तैयार नहीं है। जमीन न मिलने से आक्रोशित तीर्थ पुरोहित मंगलवार से मेला कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज माघ मेला 2021 में दो स्नान पर्व मकर संक्रांति और पौष पूर्णिमा स्नान पर्व बीत चुका है। इसके बाद भी जमीन के लिए के तीर्थ पुरोहित परेशान हैं। दौरान परेड मैदान पर जमीन आवंटन के लिए तीर्थ पुरोहित मंगलवार की रात भर मेला कार्यालय के सामने प्रदर्शन करते रहे। हालांकि उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। नाराज तीर्थ पुरोहितों ने जमीन न मिलने तक प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है।
तीर्थ पुरोहितों के कैंप लगाने की परंपरा दशकों पुरानी है
माघ मेला के दौरान तीर्थ पुरोहितों के कैंपों में कल्पवासी ठहरते हैं। महीने भर तक कल्पवासियों को ठहराने के लिए अब तक 954 तीर्थ पुरोहितों को संगम तट पर करीब 800 बीघा जमीन का आवंटन हो चुका है। इनके अलावा करीब 60 तीर्थ पुरोहितों को परेड मैदान पर जमीन मिलती है। इस जमीन पर तीर्थ पुरोहित मौनी अमावस्या के आसपास करीब एक पखवाड़े के लिए टेंट लगाते हैं। इनके तंबुओं में मौनी अमावस्या पर स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु ठहरते है। वह यहां पर दो तीन ठहरते कर स्नान ध्यान और दान दक्षिणा देकर लौट जाते हैं। यह परंपरा दशकों पुरानी है।
तीर्थ पुराहितों को अन्यत्र मेला प्रशासन दे रहा जमीन
सालों से जिन तीर्थ पुरोहितों को यहां जमीन मिलती थी, उनको इस बार जगह जमीन नहीं दी जा रही है। उनको दूसरी जगह जमीन दी जा रही है, जिसे वह लेने को तैयार नहीं है। जमीन न मिलने से आक्रोशित तीर्थ पुरोहित मंगलवार से मेला कार्यालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं। मेला अधिकारी ने उनको परेड मैदान पर ही दूसरी जगह में जमीन देने का आश्वासन दिया है। उस पर भी तीर्थ पुरोहित नहीं माने और कहा कि हमें पहले जहां जमीन मिलती थी उसी जगह जमीन दी जाए। वहां पर मेला प्रशासन ने वाहनों की पार्किंग बना दी है। इसलिए उस जगह को अब तीर्थ पुरोहितों को बांटना मुश्किल हो रहा है।
आज तीर्थ पुराहितों की मेला अधिकारी से होगी वार्ता
फिलहाल अपनी मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित मेला कार्यालय पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांग को लेकर वह मंगलवार की रात भर मेला कार्यालय के बाहर पड़े रहे। आज दिन में तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधियों और मेला अधिकारी से वार्ता होगी। उसी के बाद कुछ फैसला हो सकता है। तीर्थ पुरोहितों के संगठन प्रयागवाल सभा के महामंत्री राजेंद्र पालीवाल ने बताया कि उनकी जगह बदली गई है तो आने वाले सालों में फिर उनके साथ ऐसा ही दोयम दर्जे का व्यवहार होगा। वह सदियों इस परंपरा निभा रहे हैं लेकिन मेला प्रशासन उनके साथ निष्पक्ष व्यवहार नहीं कर रहा है।