Prayagraj Magh Mela 2021: संगम तट पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आएंगे, छह प्रांतों के स्वयंसेवक भी जुटेंगे
Prayagraj Magh Mela 2021 गंगा समग्र के क्षेत्र संयोजक के अनुसार 19 फरवरी को कार्ययोजना के संबंध में बैठक होगी। शाम को संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। 20 फरवरी को दो सत्रों में सर संघचालक मोहन भागवत का संबोधन होगा।
प्रयागराज, [अमलेंदु त्रिपाठी]। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषांगिक संगठन गंगा समग्र की बैठक 18 फरवरी से 20 फरवरी तक चलेगी। माघ मेला क्षेत्र में होने वाली इस बैठक में छह प्रांतों के करीब 600 स्वयंसेवक शामिल होंगे। सभी 'गंगा हमारे लिए हम गंगा के लिए' विषय पर मंथन करेंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत भी आयोजन में शामिल होंगे। वह 19 फरवरी की रात प्रयागराज पहुंचेंगे और 20 फरवरी को स्वयंसेवकों व पदाधिकारियों का मार्गदर्शन करेंगे।
संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. मुरारजी त्रिपाठी ने बताया कि गंगा समग्र प्रकल्प नदियों, पर्यावरण, जैविक खेती, भूगर्भ का गिरता जलस्तर रोकने व जल संरक्षण जैसे विषयों पर कार्य कर रहा है। मेला क्षेत्र में होने वाली राष्ट्रीय बैठक में गंगा हमारे लिए हम गंगा के लिए विषय को लेकर मंथन होगा और कार्ययोजना भी बनेगी। इसमें बंगाल, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा दिल्ली के कार्यकर्ता व पदाधिकारी शामिल होंगे। खासकर जिला संयोजक, आयाम प्रमुख, प्रांत कार्यकारिणी आयाम प्रमुख व अन्य पदाधिकारी 18 फरवरी तक परेड मैदान स्थित पंडाल में पहुंच जाएंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन उसी दिन शाम को होगा। उद्घाटन सत्र में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, रज्जू भैया विश्वविद्यालय के कुलपति केएन सिंह भी शामिल होंगे।
20 को सर संघचालक मोहन भागवत करेंगे संबोधित
गंगा समग्र के क्षेत्र संयोजक चिंतामणि सिंह ने बताया कि 19 फरवरी की दोपहर कार्ययोजना के संबंध में पहली बैठक होगी। शाम 7 बजे से संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। 20 फरवरी को प्रात: 8:30 बजे से 12:30 बजे तक दो सत्रों में सर संघचालक मोहन भागवत का संबोधन होगा।
गंगा के निर्मलीकरण के लिए बनेगी कार्ययोजना
बैठक में गंगा की धारा को निर्मल व अविरल बनाने के लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। अगले माह से उसका क्रियान्वयन शुरू होगा। काशी प्रांत को 12 जिलों में विभाजित कर गंगा ग्राम की घोषणा की गई है। गंगा के किनारे वाले इलाकों में स्थित तालाबों का स्वयंसेवक सर्वे करेेंगे। कितने तालाब जलयुक्त हैं, कितने सूखे इसका विवरण तैयार करेंगे। स्नान घाट व श्मशान घाट की स्वच्छता, पौधारोपण, गंगा से जैविक खेती आदि विषयों को लेकर कार्ययोजना बनाई जाएगी। 'गंगा हमारे लिए हम गंगा के लिए' आदर्श वाक्य होगा।