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Prayagraj Magh Mela 2021: प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति को चार दिन शेष, अरैल में कल्पवासियों की सुविधाएं नदारद

Prayagraj Magh Mela 2021 मध्य प्रदेश और बिहार के अधिकांश व मीरजापुर के कल्पवासी अरैल संगम तट पर ही माह भर कल्पवास करते हैं। उन्हें बिजली पानी और सड़क की व्यवस्था मेला प्रशासन की ओर से कराया जाता रहा है। इस बार मेले की तैयारी यहां काफी पीछे है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 10:24 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 01:46 PM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2021: प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति को चार दिन शेष, अरैल में कल्पवासियों की सुविधाएं नदारद
माघ मेला के अरैल संगम घाट पर कल्‍पवासियों की सुविधा की तैयारी अधूरी है।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेले की तैयारियां अधूरी ही हैं। माघ मेले का प्रथम स्नान पर्व मकर संक्रांति को अब सिर्फ चार दिन शेष रह गया है, लेकिन अरैल संगम तट पर कल्पवासियों को दी जाने वाली सुविधाएं नदारद है। मेले की तैयारी काफी पीछे हैं। अभी तक सड़कों पर चकर प्लेट तक नहीं बिछाया गया है। पानी का कनेक्शन नहीं किया गया है।

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इस बार मेले की तैयारी आरैल क्षेत्र में काफी पीछे है

मध्य प्रदेश और बिहार के अधिकांश व मीरजापुर के कल्पवासी अरैल संगम तट पर ही माह भर कल्पवास करते हैं। उन्हें बिजली पानी और सड़क की व्यवस्था मेला प्रशासन की ओर से कराया जाता रहा है। इस बार मेले की तैयारी अरैल क्षेत्र में काफी पीछे है। सड़कें काट दी गई हैं, लेकिन उस पर बालू की वजह से चलना मुश्किल है। सड़कों पर चकर प्लेट नहीं बिछाए जाने से टेंट लगाने के लिए आने वाले काफी परेशान हो रहे हैं। उनके वाहन बालू में फंस जाते हैं, जिससे वह घंटों परेशान रहते हैं।

इन विभागों का भी काम पिछड़ा है

जल संस्थान बिजली विभाग का टेंट दो सप्ताह पहले ही यहां लग गया है। वहीं काम के नाम पर बिजली के पोल खींच दिए गए हैं और तार भी लगाए गए हैं, लेकिन तट पर प्रकाश की व्यवस्था नहीं की गई है। यही हाल जल संस्थान का भी है। नल लगाए जाने के स्थान तक चिन्हित नहीं किए गए हैं। पाइप ऐसे ही पड़े हुए हैं। घाट के समतलीकरण का काम अभी भी अधूरा है। मात्र दो ट्रेक्टरों को ही इस काम में लगाया गया है, कछुआ की चाल की तरह काम कर रहे हैं।

आधी-अधूरी तैयारी से कल्‍पवासियों की होगी फजीहत

स्नान पर्व का समय नजदीक आने के बावजूद आधी-अधूरी तैयारी से कल्पवासियों कि फजीहत होनी तय है। अरैल तटबंध मार्ग पर लगी 90 फीसद स्ट्रीट लाइट खराब है, जिससे शाम होते ही इस मार्ग पर अंधकार कायम हो जाता है। अधिकांश श्रद्धालु इसी मार्ग से मेले में प्रवेश करते हैं। ऐसे में उन्‍हें असुविधा तो हो ही रही है, साथ ही क्षेत्र में अराजकतत्‍वों से भी उन्‍हें खतरा सताता है।


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