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Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला के अस्‍पताल में बन गया था पारिवारिक माहौल, बिछड़ने का डॉक्‍टरों में है गम

Prayagraj Magh Mela 2021 माघ मेला में 10 जनवरी से अब तक श्रद्धालुओं का इलाज कर रहे प्रदेश भर के महिला पुरुष डॉक्टरों का 20 बेड के अस्पताल में पारिवारिक माहौल बन गया था। अस्पताल के संचालन बंद होने के प्रशासनिक निर्देश से डॉक्टरों का साथ भी छूट रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 10:18 AM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला के अस्‍पताल में बन गया था पारिवारिक माहौल, बिछड़ने का डॉक्‍टरों में है गम
माघ मेले के अस्‍पताल में इतने दिनों तक साथ रहे चिकित्‍सकों के बिछड़ने का वक्‍त आ चुका है।

प्रयागराज, जेएनएन। माघ पूर्णिमा के स्‍नान पर्व के साथ ही प्रयागराज माघ मेले का लगभग समापन हो चुका है। अब छठां और अंतिम स्‍नान पर्व महाशिवरात्रि ही है। कुछ ही साधु-संत इस स्‍नान पर्व तक माघ मेला में रुकेंगे। माघ पूर्णिमा के साथ ही एक माह के कल्‍पवास भी संपन्‍न हो गया है। कल्‍पवासी भी वापस जा रहे हैं। वहीं माघ मेला में श्रद्धालुओं को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा देने के लिए अस्‍पताल भी बनाया गया था। उसमें प्रदेश भर से महिला और पुरुष चिकित्‍सक भी आए थे। अब उनके बिछड़ने का वक्‍त आ चुका है। 

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माघ मेला में 10 जनवरी से अब तक श्रद्धालुओं का इलाज कर रहे प्रदेश भर के महिला पुरुष डॉक्टरों का 20 बेड के अस्पताल में पारिवारिक माहौल बन गया था। अस्पताल के संचालन बंद होने के प्रशासनिक निर्देश से डॉक्टरों का यह साथ भी छूट रहा है। सभी डॉक्टरों के लगेज बंध गए हैं और आज से ही वे अपने मूल तैनाती वाले जिलों में लौटेंगे। 

आप भी जानें डॉक्‍टरों की जुबानी

प्रयागराज की निवासी और राय बरेली में तैनात डॉक्टर अंकिता पांडेय, मीरजापुर से आए एसीएमओ डॉक्टर ओएन सिंह, डॉक्टर रत्नेश आदि ने कहा कि यहां रहते हुए प्रत्येक दिन कभी बोरियत महसूस नहीं हुई। अस्पताल में ही बने शिविर में रहे और श्रद्धालुओं की सेवा की। आपस में परिवार जैसा माहौल बन गया था। अब एक मार्च से अस्पताल का संचालन बंद हो रहा है तो एक दूसरे से बिछड़ना अच्छा महसूस नहीं हो रहा है। 

बाटी-चोखा की दावत में गले मिले

शनिवार की शाम माघ मेले के त्रिवेणी अस्पताल में बाटी चोखा की दावत हुई। इसमें सीएमओ डॉक्टर प्रभाकर राय, सबचार्ज डॉक्टर आरएस ठाकुर, डॉक्टर अनिल संथानी, डॉक्टर ओपी भास्कर, डॉक्टर बीएन सिंह समेत दर्जनों चिकित्सक और फार्मेशिस्ट पहुंचे। हंसी-खुशी के माहौल में करीब दो घंटे तक दावत भी हुई और डेढ़ महीने के चिकित्सा शिविर की खट्टी मीठी यादों पर चर्चा हुई। 

सीएमओ बोले-एक जगह रहकर जॉब करने से बना पारिवारिक माहौल

सीएमओ डॉक्टर प्रभाकर राय ने कहा कि डेढ़ महीने तक एक ही जगह रहना और वहीं जॉब करने से पारिवारिक माहौल बन जाना स्वाभाविक है। सभी डॉक्टरों ने पुरे मनोयोग से मरीजों की सेवा की यह खुशी की बात है। कहा कि इसके लिए पूरा चिकित्सा परिवार बधाई का पात्र है।


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