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Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला में कम कर दी गई है 14 सौ संस्थाएं, कई के सुविधाओं में भी कटौती

Prayagraj Magh Mela 2021 कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार प्रयागराज के माघ मेला में संस्थाओं की कटौती की गई है। इसके लिए पहले से ही प्रशासन ने तैयारी कर ली थी। कटौती करने के लिए मेला प्रशासन ने कई संस्‍थाओं की छंटनी की है।

By Brijesh Kumar SrivastavaEdited By: Published: Sat, 23 Jan 2021 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 23 Jan 2021 10:20 AM (IST)
Prayagraj Magh Mela 2021: माघ मेला में कम कर दी गई है 14 सौ संस्थाएं, कई के सुविधाओं में भी कटौती
प्रयागराज के माघ मेला में इस बार कई ऐसी संस्‍‍थाएं हैं जिन्‍हें प्रशासन ने जमीन उपलब्‍ध नहीं कराई है।

प्रयागराज, जेएनएन। इस बार प्रयागराज के माघ मेला क्षेत्र में 14 सौ संस्थाओं की कटौती कर दी गई है। इसके अलावा कई अन्‍य ऐसी भी संस्थाएं हैं, जिनकी सुविधाओं में कटौती की गई है। इस कटौती से कुछ संत नाराज भी हैं और वह जमीन के लिए लगातार प्रशासन से मांग कर रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि जमीन न मिली तो वह प्रदर्शन करेंगे।

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कोरोना संक्रमण के कारण संस्‍थाओं की कटौती

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इस बार प्रयागराज के माघ मेला में संस्थाओं की कटौती की गई है। इसके लिए पहले से ही प्रशासन ने तैयारी कर ली थी। कटौती करने के लिए मेला प्रशासन ने पहले उनको छांटा, जो जमीन लेकर छोड़ देते थे और आते नहीं थे। ऐसी करीब 400 संस्थाएं थी। उसके बाद एक हजार उन संस्थाओं को काटा जो कल्पवास नहीं करते थे। इसमें से कुछ सरकारी भी थी। संस्थाओं की कटौती से मेला प्रशासन को खर्च कम करना पड़ेगा।

पिछले वर्ष की तुलना में बजट कम मिलने की संभावना का भी असर

चूंकि शासन से निर्देश था कि पिछले साल से इस बार का बजट नही बढ़ेगा, बल्कि कम हो जाएगा, इसलिए प्रशासन ने ऐसा किया है। इस कटौती में कुछ संतों की भी जमीन कट गई है। इससे वह नाराज हैं। ऐसे ही एक संत अयोध्या से आए हुए हैं उनको जमीन नहीं मिली तो वह प्रदर्शन करने की चेतावनी दे रहे हैं। फिलहाल मेला प्रशासन ने आश्वासन दिया है किन को जमीन मुहैया कराई जाएगी।

बोले, मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी

मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि जिन संस्थाओं को इस बार जमीन नहीं दी गई है, उनको अगली बार जमीन दी जाएगी। मेला में ज्यादा भीड़ न हो इसलिए ऐसा किया गया है। जिनकी जमीन की कटौती की गई है, वह आए थे लेकिन उनको समझा कर के वापस कर दिया गया है।


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