Prayagraj Junction : कोरोना वायरस के संक्रमण काल की मार झेल रहे हैं कुली, बेपटरी हुई जिंदगी
Prayagraj Junction प्रयागराज जंक्शन समेत नैनी और प्रयाग जंक्शन आदि रेलवे स्टेशनों के कुली आर्थिक तंगी से इन दिनों जूझ रहे हैं। ट्रेनें कम चलने की वजह से गिने-चुने यात्रियों का ही रेलवे स्टेशन आना होता है। इसलिए यात्रियों की संख्या भी सीमित हैंं।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण ने लगभग सभी व्यवसायों के साथ लोगों की जिंदगी में प्रतिकूल प्रभाव भी डाला है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर कुली कैसे बिना प्रभावित हुए रह सकते हैं। महामारी के दस्तक देने के बाद घोषित किए गए लॉकडाउन में ट्रेनों का संचालन भी ठप कर दिया गया था। मार्च के बाद से करीब आठ माह ट्रेनों का संचालन पूर्णरूप से शुरू नहीं हो सका है। ऐसे में कुलियों की आय भी समाप्त हो गई है। हालांकि धीरे-धीरे गाडिय़ों का संचालन शुरू हो रहा है। हालांकि अब भी कुलियों की आय में कोई खास इजाफा नहीं हो सका है।
कुली आर्थिक तंगी से इन दिनों जूझ रहे हैं
प्रयागराज जंक्शन समेत नैनी और प्रयाग जंक्शन आदि रेलवे स्टेशनों के कुली आर्थिक तंगी से इन दिनों जूझ रहे हैं। ट्रेनें कम चलने की वजह से गिने-चुने यात्रियों का ही रेलवे स्टेशन आना होता है। फिलहाल आरक्षित टिकट लेने पर ही यात्रा करने की अनुमति दी गई है। इसलिए यात्रियों की संख्या भी सीमित हैंं। हालांकि अब धीरे-धीरे गाडिय़ां पटरी पर दौडऩे लगी हैं। इसके बाद भी उनकी आय नहीं बढ़ी।
प्लेटफार्म पर पूरे दिन यात्रियों के इंतजार में कुली बैठे रहते हैं
प्लेटफार्म पर पूरे दिन यात्रियों के इंतजार में कुली बैठे रहते हैं। प्रयागराज जंक्शन के कुली रामचंद्र ने बताया कि पहले 1000-1500 रुपये प्रतिदिन कमाई हो जाती थी। लेकिन, कोरोना काल में 200 रुपये भी मिलना मुश्किल हो जाता है। कुली देवराज का कहना है कि कमरे का किराया भी देना मुश्किल हो रहा है। कुली अली हसन ने बताया कि बच्चों की फीस नहीं भरी है। और कुली मुस्तफा ने बताया कि आर्थिक तंगी से परेशानी हो रही है।