बिग बी की सेहत को लेकर यूं ही नहीं फिक्रमंद है प्रयागराज Prayagraj News
अमिताभ कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे हैं। इधर उनकी सलामती के लिए देशभर में प्रार्थनाओं का दौर चल रहा है। लेकिन उनकी जन्मभूमि प्रयागराज के लोगों में बेचैनी अधिक है।
प्रयागराज,जेएनएन। हिंदी सिनेमा के शहंशाह महानायक अमिताभ बच्चन अस्पताल में भर्ती हैं। बेटे अभिषेक, बहू ऐश्वर्या व पौत्री आराध्या के साथ अमिताभ कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ रहे हैं। इधर, उनकी सलामती के लिए देशभर में प्रार्थनाओं का दौर चल रहा है। लेकिन, उनकी जन्मभूमि प्रयागराज के लोगों में बेचैनी अधिक है। संगमनगरी के साहित्यकार व कलाकार व्यथित हैं। वहीं, आम लोग भी परेशान हैं। ऐसा यूं ही नहीं है। इसके पीछे वजह है कि जब तब अमिताभ बच्चन भी संगम नगरी के प्रति अपने लगाव बयां करते रहते हैं। जब भी मौका मिलता है। वह प्रयागराज आने का मौका नहीं चूकते हैं। कभी अमिताभ के साथ समय बिताने वाले प्रयागराजवासी भी उनको लेकर काफी चिंतित हैं। वह अमिताभ के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। अस्पताल से उनकी स्थिति में सुधार होने का समाचार जब आता है तो सबके चेहरे पर संतुष्टि का भाव तैर उठता है।
1984 के लोकसभा चुनाव में अमिताभ बच्चन ने कद्दावर नेता हेमवतीनंदन बहुगुणा को हराया था
इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष, हिंदी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री श्यामकृष्ण पांडेय अतीत में खोते हुए 36 वर्ष पीछे जाते हैं। वह 1984 में इलाहाबाद संसदीय क्षेत्र के चुनाव को याद करते हैं, जिसमें अमिताभ विजयी हुए थे। चुनावी सभा के मंच पर अमिताभ, सांसद केपी तिवारी के साथ श्यामकृष्ण पांडेय भी मौजूद थे। सभा मेजा रोड पर आयोजित हुई थी।
बहुगुणा जी के तंज का शालीनता से जवाब देकर कर दिया था चित
एक दिन पहले चुनाव के प्रतिद्वंद्वी कद्दावर नेता हेमवतीनंदन बहुगुणा की तरफ से अमिताभ पर तंज कसते हुए एक पोस्टर जारी किया गया था। जिसमें बोल्ड शब्दों में छपा था, 'मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है...।Ó मतलब की मुम्बई से यहां चुनाव में आ गए हो। अमिताभ चतुर राजनेता की तरह उनकी बात भांप गए थे। सभा में जवाब देते हुए कहा कि 'बहुगुणा जी मेरे बड़े बुजुर्ग और पिता समान हैं। बचपन से हमें बुजुर्गों का सम्मान करना सिखया गया है। मैं उनकी बात को काटूंगा नहीं। लेकिन इसमें मेरा क्या कसूर की मैं इलाहाबाद (प्रयागराज) की पवित्र धरती पर पैदा हुआ। देश या दुनिया में जहां भी गया यही आवाज आई, वो देखो-अमिताभ बच्चन। ...छोरा गंगा किनारे वाला। यह सुनकर मंच के नीचे मौजूद लोगों का उत्साह आसमान छूने लगा। असल में अपनी ही फिल्म के गाने के जरिये बच्चन ने बेहद शालीनता से जवाब दे दिया था, बहुगुणा जी के पोस्टर का। अमिताभ की बात का सारांश ये था कि मैं इलाहाबाद की मिट्टी का बेटा हूं। आप तो गढ़वाल से आकर यहां बसे हो। इलाहाबाद तो कास्मोपोलिटन शहर है, सबको अपना लेता है। आप मुझ पर क्यों बाहरी होने की बात लगा रहे हैं? वो कचहरी की नामांकन सभा के बाद बच्चन की पहली चुनाव सभा थी। चुनाव का परिणाम उसी दिन तय हो गया था। जहां जहां बच्चन गए, ऐतिहासिक सभा हुई। बहुगुणा जी जैसे बड़े नेता जिन्होंने इलाहाबाद के लिए बहुत कुछ किया था, चुनाव में बुरी तरह पराजित हो गए।
सदी महानायक हैं अमिताभ बच्चन
अमिताभ बच्चन महानायक हैं। अपने क्षेत्र में भारत के गौरव हैं। उनका कोई सानी नहीं है। श्यामकृष्ण कहते हैं कि एक दिन मैंने अखबार में दूसरे सुपरस्टार शत्रुघ्न सिन्हा की टिप्पणी देखी, कि अमिताभ जी भारत के अच्छे राष्ट्रपति होते, उनकी टिप्पणी पर गालिब साहब का एक शेर याद आया, जैसा कि उर्दू के शायर जिंदा रहते हुए मरकर शेर लिखते हैं। 'मुद्दत हुई मर गया गालिब, मगर अक्सर याद आता है। उसका हर बात पे कहना, कि ये होता तो क्या होता।'