Prayagraj Ganga-Yamuna Flood: एक के बाद एक बाढ़ की चपेट में आ रहे कछारी क्षेत्र के गांव व मोहल्ले
Prayagraj Ganga-Yamuna Flood मंगलवार की सुबह 10 बजे तक प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति यह रही। गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 85.63 मीटर है। यहां गंगा का पानी बढ़ रहा है जबकि खतरे का बिंदु यहां पर 84.73 मीटर है। छतनाग में गंगा का जलस्तर 84.87 मीटर है।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। शहर के निचले इलाके और ग्रामीण क्षेत्रों के मोहल्ले के साथ गांव एक के बाद एक बाढ़ के पानी की जद में आते जा रहे हैं। इन इलाकों में लोग दहशत में हैं। रात जागकर बितानी पड़ रही है। हर पल यही चिंता रहती है कि पानी कब और कितना बढ़ा। उधर गंगा के रौद्र रूप से फाफामऊ के आधा दर्जन गांव और मोहल्लों में सोमवार की रात से लेकर सुबह तक पानी भर गया है। कई लोगों के घर बाढ़ की जद में आ गए हैं। गंगा किनारे बसे परिवारों में लगातार पानी बढ़ने से हड़कंप मचा है।
प्रयागराज में बाढ़ आंकड़ों में
मंगलवार की सुबह 10 बजे तक प्रयागराज में बाढ़ की स्थिति यह रही। गंगा नदी का जलस्तर फाफामऊ में 85.63 मीटर है। यहां गंगा का पानी बढ़ रहा है, जबकि खतरे का बिंदु यहां पर 84.73 मीटर है। फाफामऊ में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। छतनाग में गंगा का जलस्तर 84.87 मीटर है। यहां खतरे का बिंदु 84.73 मीटर है। वहीं यमुना नदी का सुबह 10 बजे तक नैनी में जलस्तर 85.43 मीटर था। यहां खतरे का बिंदु 84.73 मीटर है। यहां खतरे के निशान से यमुना का जलस्तर अधिक है।
फाफामऊ में बाढ़ में डूबा मुख्य संपर्क मार्ग
फाफामऊ के लक्ष्मीपुरम, गंगानगर और नई बस्ती का मुख्य संपर्क मार्ग बाढ़ से डूब गया है। मोहल्लों के चारों तरफ पानी भर जाने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है। दो दिनों से बाढ़ग्रस्त मोहल्लों और गांव की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बंद कर दी गई है। इससे लोगों को रात में जलीय जंतुओं से भी खतरा बना हुआ है। गांव में पशुओं के चारे के लिए भारी संकट पैदा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर इसी तरह गंगा में पानी बढ़ता रहेगा तो लोग घरों को छोड़कर बाहर के पलायन कर जाएंगे। हालांकि हालात अभी ऐसे नहीं बने हैं।
सुबह से हो रही बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
रंगपुरा, फाफामऊ, सुमेरी का पूरा और मलाक हरहर गांव के दक्षिणी छोर पर सैकड़ों पशुओं के साथ पशुपालक फंसे हुए हैं। दूसरी ओर लक्ष्मीपुरम मोहल्ले के लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। परिवार सहित लोग घर की छतों पर ठिकाना बनाए हुए हैं। मंगलवार की भोर से हो रही बारिश उनके लिए और मुसीबत बढ़ा दी है। बाढ़ की जद में आए मोहल्ले और गांव के लोगों के लिए उप जिलाधिकारी सोरांव अनिल चतुर्वेदी का कहना है कि बाढ़ राहत से जुड़े कर्मचारी और अधिकारी लोगों की आवश्यकता अनुसार मदद कर रहे हैं। फाफामऊ में बाढ़ राहत शिविर की स्थापना की गई है जहां पर भोजन, पानी और रहने की व्यवस्था है।
बाढ़ की जद में आए तीन नलकूप ठप
बाढ़ की जद में आए जलकल विभाग के तीन नलकूप भी ठप हो गए। इससे करीब एक हजार घरों की जलापूर्ति बंद हो गई। दारागंज सब्जी मंडी में लगे दो नलकूप और ढरहरिया में एक नलकूप ठप करा दिया गया। इन स्थानों पर टैंकरों से पानी की आपूर्ति हो रही है।