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Powerloom Industry : शासनादेश न आने से उहापोह में हैं प्रयागराज के बुनकर, इसलिए पावरलूम मशीनों का संचालन ठप है

Powerloom Industry प्रमुख सचिव उद्योग व बुनकर प्रतिनिधियों के बीच हुई बैठक में फ्लैट रेट पर बिल भुगतान की सहमति बनी थी। शासनादेश न आने से प्रयागराज के बुनकर परेशान हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 06:03 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 07:01 AM (IST)
Powerloom Industry : शासनादेश न आने से उहापोह में हैं प्रयागराज के बुनकर, इसलिए पावरलूम मशीनों का संचालन ठप है
Powerloom Industry : शासनादेश न आने से उहापोह में हैं प्रयागराज के बुनकर, इसलिए पावरलूम मशीनों का संचालन ठप है

प्रयागराज, जेएनएन। शासन की ओर से बुनकर प्रतिनिधियों के बीच एक पखवारा पूर्व राजधानी में बातचीत हुई थी। इसमें जुलाई माह तक पावरलूम बिल का भुगतान पूर्व की भांति फ्लैट रेट पर करने का आश्वासन दिया गया था। हालांकि अभी तक इस बाबत विद्युत विभाग को किसी तरह का शासनादेश न मिलने से बुनकरों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में अभी तक प्रदेश के अधिकांश पावरलूम मशीनों का संचालन अभी भी ठप पड़ा है।

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पावरलूम उद्योग  में प्रयागराज के मऊआइमा कस्बा का अहम स्थान

पावरलूम उद्योग के लिए प्रदेश के वाराणसी, गोरखपुर, अंबेडकर नगर, मेरठ, मऊनाथ भंजन, कानपुर, बाराबंकी आदि जनपदों के साथ प्रयागराज का मऊआइमा कस्बा भी एक अहम स्थान रखता है। वर्ष 2006 से तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बुनकरों की बदहाली के मद्देनजर पावरलूम संचालन के सस्ते दाम पर फ्लैट रेट से बिजली आपूर्ति की शुरुआत की। फिक्स रेट पर सस्ती बिजली मिलने पर सूबे के बुनकरों में खुशहाली छा गई और निर्बाध गति से अपने कल कारखानों का संचालन करने लगे।

मीटर रीडिंग के अनुसार बिजली वसूलने का फरमान जारी हुआ था

इस बीच योगी सरकार द्वारा पिछले डेढ़ दशक से बुनकरों को दी जा रही सब्सिडी युक्त सस्ती बिजली आपूर्ति बंद करने का फैसला किया। विगत जनवरी माह से मीटर रीडिंग के अनुसार बिजली वसूलने का फरमान जारी किया तो बुनकर समुदाय बौखला सा गया। बुनकरों न अनुसार मीटर रीडिंग से बिल अदा करने पर उन्हें 28 गुना अधिक धनराशि अदा करना पड़ेगा, जो उनके लिए असंभव से लगता है।

फैसले से नाराज़ हो कल कारखानों का संचालन बंद कर दिया था

समूचे प्रदेश के बुनकरों ने सरकार के इस फैसले से नाराज़ हो कल कारखानों का संचालन बंद कर दिया था। इस दरमियान बुनकर संगठनों के प्रतिनिधियों व सरकार के नुमाइंदों के दरमियान कई चरणों में बैठकों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में एक पखवारा पूर्व लखनऊ में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में सरकार के प्रतिनिधि के रूप में प्रमुख सचिव उद्योग नवनीत सहगल व बुनकर प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई। इसमें तय हुआ कि सरकार बुनकरों से दिसंबर 2019 के बजाय जुलाई 2020 तक का बिल पूर्व की भांति फ्लैट रेट पर ही वसूलेगी। साथ ही तथा एक पखवारा के बीच बुनकर संगठनों से सामंजस्य बना कर आगे की नीति तैयार की जाएगी। हालांकि अभी तक न विद्युत विभाग को इस आशय का शासनादेश भेजा गया और न ही आगे के संचालन का कोई मसौदा तैयार हो सका। इसके चलते अभी भी अधिकांश बुनकरों ने अपने कारखानो में ताले लगा रखे हैं।

बोले, उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष

उत्तर प्रदेश बुनकर सभा के अध्यक्ष अंबेडकर गंज निवासी हाजी इफ्तेखार अंसारी ने कहा सरकार जल्द वार्ता में हुए निर्णय के क्रम में विद्युत विभाग को जुलाई तक फ्लैट रेट पर बिल वसूले जाने के लिए शासनादेश जारी करे तथा वादे के अनुसार 15 दिनों में आगे की नीति तैयार करने के मामले को भी हल करे।

मऊआइमा पावरलूम बुनकर एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा

मऊआइमा पावरलूम बुनकर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब अंसारी ने कहा कि सूबे का बुनकर कर्ज के बोझ तले दबता जा रहा है। सरकार को चाहिए बुनकरों की आर्थिक स्थिति को मद्देनजर रखते उनके हक में जल्द कोई फैसला करे, जिससे बंद पड़े कारखानों के ताले खुल सके।


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