Powerloom Industry : सरकार ने मानी बुनकरों की मांग, धड़धड़ाने लगे प्रयागराज में मऊआइमा के पॉवरलूम
Powerloom Industry मांगों को लेकर बुनकर आठ माह से आंदोलन पर थे। सरकार ने मांगें मान ली तो प्रयागराज के मऊआइमा के पॉवरलूम भी चलने लगने लगे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। सरकार ने मांग मान ली तो हड़ताल खत्म कर पॉवरलूम बुनकर काम पर लौट आए हैं। जिन पॉवरलूमों के विद्युत कनेक्शन नहीं कटे थे, उनमें काम शुरू हो गया है। बुनकरों की मांगों पर सरकार के ध्यान न देने से बुनकरों में आक्रोश था। मांगों को मनवाने के लिए बुनकर आठ माह से आंदोलन की राह पर थे। वहीं प्रयागराज में भी पॉवरलूम एक सितंबर से पूरी तरह से बंद कर दिए गए थे।
बोले, मऊआइमा पॉवरलूम बुनकर एसोसिएशन के पदाधिकारी
प्रयागराज स्थित मऊआइमा पॉवरलूम बुनकर एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब अंसारी व महामंत्री फारुक अंसारी ने बताया कि पावरलूम संचालन के लिए फ्लैट रेट पर मिल रही बिजली स्कीम खत्म किए जाने पर बुनकर आठ माह से आंदोलन कर रहे थे। एक सितंबर से कारखानों में तालाबंदी कर दी गई थी। इस पर सरकार ने बुनकर संगठनों को वार्ता के लिए गुरुवार को लखनऊ बुलाया। वार्ता में जुलाई माह तक पूर्व की भांति फ्लैट रेट पर बिल लेने एवं पंद्रह दिनों के भीतर आपसी सामंजस्य से आगे की नीति तैयार करने पर सहमति बनने से मांग पूरी हो गई।
समस्या उजागर करने के लिए दैनिक जागरण को दिया धन्यवाद
शोएब अंसारी व फारुक अंसारी ने बताया कि पावरलूम कारखानों के कटे कनेक्शन फिर से जोड़े जाएंगे तथा बुनकरों के बिल पासबुक के जरिए जमा होंगे। मऊआइमा के पावरलूम बुनकर सलीम अंसारी, मोहम्मद रसीद, शौकत अली, अकील अहमद, जाहिद अंसारी, कलीमुल्ला, वसीम अंसारी आदि ने बुनकरों की समस्या को लगातार उजागर करने पर दैनिक जागरण के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
क्या थी बिलिंग की पुरानी व्यवस्था
वर्ष 2006 से तत्कालीन सरकार द्वारा बुनकरों को पासबुक के तहत एक जोड़ी पावरलूम पर एक महीने में फिक्स्ड चार्ज के तहत 143 रुपये जमा किया जाता रहा। उक्त योजना को खत्म कर सरकार ने एक जनवरी से रीडिंग पर बिल जमा करने की योजना लागू कर दी थी।