प्रयागराज में आम लोगों की थाली से दूर होता जा रहा आलू और प्याज, घट नहीं रहे हैं दाम
आलू लगभग हर सब्जी के साथ मिलाया जाता है। गरीबों की थाली में कुछ हो अथवा न हो लेकिन आलू की सब्जी अवश्य होती थी। वर्तमान समय में आलू की कीमतों में प्रतिदिन उछाल आ रहा है। लोग दाल या दूसरी मौसमी सब्जियां खाकर काम चला रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रत्येक मौसम में आम आदमी की थाली में मौजूद रहने वालेे आलू, प्याज, टमाटर व लहसुुन की कीमतों में भारी उछाल आने से एक ओर जहां लोगों की थाली से जहां ये सब्जियां दूर होती जा रही हैं वहीं इनके मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि के चलते जहां पहले लोग किलो भर खरीदते थे वहीं अब इनका भाव सुनकर पाव में खरीद कर काम चला रहे हैं। रोज कमाने और खाने वाले निर्धन लोग तो आलू की कीमत दुकानदार से पूछ कर दूसरी तरफ देखने लगते हैं।
सबसे जरूरी आलू है सबसे महंगा
आलू लगभग हर सब्जी के साथ मिलाया जाता है। गरीबों की थाली में कुछ हो अथवा न हो लेकिन आलू की सब्जी अवश्य होती थी। वर्तमान समय में आलू की कीमतों में प्रतिदिन उछाल आ रहा है। आलू की कीमतों में उछाल का नतीजा है कि अब लोग दाल या दूसरी मौसमी सब्जियां खाकर काम चला रहे हैं। फूलपुर तहसील सहित आसपास के अन्य बाजारों में एक सप्ताह पूर्व आलू का भाव 35 से 40 रुपये प्रति किलो था। जो अब 45 से 50 रुपये प्रतिकिलो की दर से बिक रहा है।
लहसुन और प्याज का दाम भी आसमान पर
इसी प्रकार लहसुन भी 140 रुपये किलो तथा प्याज 60 रुपये किलो बिक रहा है। इसी तरह सब्जी का स्वाद बढ़ाने वाला टमाटर 45 से 50 रुपये प्रतिकिलो की दर से फुटकर में बिक रहा है। इसके साथ ही बैगन भी 40 से 45 रुपये प्रति किलो के भाव बिकने लगा है। गरीबों की थाली को छोड़ दिया जाए तो सामान्य लोगों के भी भोजन के जायका को बढ़ाने वाला आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर व बैगन की कीमत में आए बेतहाशा उछाल ने सभी की जेब को ढीला कर दिया है। इस संबंध में सब्जी के थोक विक्रेता मोहम्मद असलम, मोहम्मद अकरम एवं पप्पू का कहना है कि सब्जियों की आवक कम होने से उक्त सब्जियों के दाम में उछाल आया है।