प्रयागराज में प्रदूषण नियंत्रण में रहा, दीपावली पर्व पर सावधानी से ज्यादा नहीं बिगड़ी शहर की आबोहवा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 29 30 अक्टूबर और चार नवंबर को पांचों स्थानों पर एक्यूआइ लिए। इसके मुताबिक सामान्य दिनों की तुलना में दीपावली पर तीन स्थानों पर प्रदूषण की मात्रा में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि जानसेनगंज क्रासिंग में दोगुना से ज्यादा प्रदूषण मापा गया है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूं तो पर्यावरण प्रदूषण एक दिन में नहीं बढ़ता। यह स्थिति पूरे वर्ष बनी रहती है। प्रयागराज में बड़ी संख्या में सड़कों के चौड़ीकरण होने से उड़ती धूल के कारण प्रदूषण पहले से बढ़ा है। दीपावली पर्व पर चार नवंबर को लोगों की सावधानी काम आई, जिसकी वजह से शहर की आबोहवा ज्यादा नहीं बिगडऩे पाई। जानसेनगंज क्रासिंग और रामबाग में प्रदूषण अपेक्षाकृत अधिक रहा लेकिन, इसकी वजह दोनों जगहों पर दिन भर वाहनों की अधिक आवाजाही बने रहने को मानी गई।
प्रदूषण नियत्रण बोर्ड ने पांच स्थानों पर एक्यूआइ मापक यंत्र लगाया है
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने शहर में पांच स्थानों (कटरा, जानसेनगंज क्रासिंग, अशोक नगर, अलोपीबाग और रामबाग) में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) मापने का यंत्र लगाया है। इसके माध्यम से पीएम 10 मापा जाता है। वहीं प्रयागराज नगर निगम परिसर, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआइटी) और झूंसी में भी यह यंत्र लगे हैं। इसके जरिए पीएम 2.5 मापा जाता है। निगम परिसर में एक नवंबर को पीएम 2.5 की मात्रा 255, दो और तीन नवंबर को क्रमश: 302 एवं 301 माइक्रो ग्राम क्यूबिक थी। एमएनएनआइटी में इसी अवधि में आंकड़े क्रमश: 124, 220 और 190 थे। झूंसी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर 148, 237 और 217 दर्ज किया गया था।
जानसेनगंज क्रासिंग में दोगुना प्रदूषण रहा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 29, 30 अक्टूबर और चार नवंबर को पांचों स्थानों पर एक्यूआइ लिए। इसके मुताबिक सामान्य दिनों की तुलना में दीपावली पर तीन स्थानों पर प्रदूषण की मात्रा में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। हालांकि जानसेनगंज क्रासिंग में दोगुना से ज्यादा प्रदूषण मापा गया है।
किस जगह, किस दिन कितना प्रदूषण
29 अक्टूबर- 04 नवंबर (पीएम 10 में)
कटरा क्रासिंग- 200-238
भारत यंत्र निगम लिमिटेड, अशोक नगर- 222-244
30 अक्टूबर - 04 नवंबर
जानसेनगंज क्रासिंग- 133.03-290.77
अलोपीबाग - 183.47-264.59
रामबाग - 169.37-268.40
यह है एयर क्वालिटी इंडेक्स के मानक
00-50 : अच्छा
51-100 : संतोषजनक
101-200 : खराब
201-300 : बहुत खराब
301 से ऊपर : खतरनाक
जानें क्या कहते हैं चेस्ट रोग विशेषज्ञ
एसआरएन अस्पताल में चेस्ट रोग विशेषज्ञ डाक्टर अमिताभ दास शुक्ला कहते हैं कि किसी भी प्रकार का धुआं जैसे पटाखे का धुआं कोहरे में मिलता है तो वही स्माग बन जाता है, जो शरीर के लिए हानिकारक होता है। त्योहार अभी बीता है और वातावरण में बारूद का धुआं मिला है, इसलिए लोगों को घर से बाहर निकलने पर मास्क लगाना जरूरी है। मास्क नहीं लगाने पर एजर्ली अथवा फेफड़े की बीमारी वाले मरीजों को दिक्कत हो सकती है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी बोले- शीघ्र प्रदूषण नियंत्रित हो जाएगा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी आरके सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत शहर में बहुत सी सड़कें बन रही हैं, जिससे धूल उड़ती रहती है। प्रदूषण पहले से बढ़ा है। दीपावली पर पटाखों के कारण प्रदूषण और बढ़ गया। गुरुवार और शुक्रवार को हवा की रफ्तार औसत से कम (तीन से चार किलो प्रति घंटे) होने से धूल के कणों के नीचे रह जाने के कारण ज्यादा समस्या हुई। शनिवार को हवा की रफ्तार करीब 11 किमी होने से प्रदूषण कम हो गया। एक-दो दिनों में प्रदूषण नियंत्रित हो जाएगा।