Remdesivir Injection की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के सरगना की प्रयागराज में तलाश, उसकी गिरफ्तारी पर कई चेहरे होंगे बेनकाब
रेमडेसिविर इंजेक्शन की जालसाजी करने के मामले में गिरफ्तार तीन लोगों से पुलिस ने पूछताछ की तो बताया गया कि तीन-चार दिन पहले उन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा था। हालांकि उस समय दो इंजेक्शन 53 हजार रुपये में बेचा गया था। इसकी इतनी मांग बढ़ी कि टोटा पड़ गया।
प्रयागराज, जेएनएन। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद प्रयागराज की पुलिस गैंग के मुख्य सरगना की तलाश कर रही है। उसके घर समेत कई ठिकानों पर दबिश दी गई, लेकिन उसका पता नहीं चला। पुलिस को पूरी उम्मीद है कि सरगना की गिरफ्तारी के बाद कई के चेहरे बेनकाब होंगे, जो इस पूरे खेल में शामिल हैं। रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी में कुछ सफेदपोशों के भी शामिल होने की संभावना है।
डिमांड बढ़ी तो बढ़ा दिया रेट
रेमडेसिविर इंजेक्शन की जालसाजी करने के मामले में गिरफ्तार तीन लोगों से पुलिस ने पूछताछ की तो बताया गया कि तीन-चार दिन पहले उन्होंने रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा था। हालांकि उस समय दो इंजेक्शन 53 हजार रुपये में बेचा गया था। फिर अचानक इसकी इतनी मांग बढ़ी कि इसका टोटा पड़ गया। इसे देखते हुए आपस में तय किया कि अब एक इंजेक्शन 50 हजार रुपये में बेचना है। डिमांड और तेज होगी तो दाम भी बढ़ा दिया जाएगा।
इंजेक्शन बेचने आए थे, तभी पकड़े गए
कोतवाली पुलिस ने शुक्रवार को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल के मुख्य द्वार के पास से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन लोगों को पकड़ा था। इसमें विनोद कुमार निवासी बेगम सराय मुंडेरा धूमनगंज, राहुल शुक्ला निवासी आमगोदर शंकरगढ़ हालपता इंद्रपुरी कालोनी बैरहना और अनुराग यादव निवासी रामदेवरिया थाना कप्तानगंज, आजमगढ़ हालपता पटेल नगर सोहबतियाबाग शामिल थे। इनके पास से मोबाइल व पांच हजार रुपये बरामद हुआ था। गिरोह का सरगना अजय विश्वकर्मा निवासी 40 नंबर गुमटी पंडिला महादेव, थरवई फरार हो गया था। अजय के पास दो इंजेक्शन थे, जिसे वह अपने साथियों के साथ यहां बेचने आया था।