पुलिस ने जांच के लिए खुलवाई पूर्व ब्लाक प्रमुख की बंदूक की सील दुकान Prayagraj News
दिलीप और उसकी पत्नी अर्चना के नाम छह शस्त्र लाइसेंस है। चार असलहों का लाइसेंस परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर है। सभी असलहों को पुलिस थाने में जमा किया जाना है।
प्रयागराज,जेएनएन। पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप मिश्रा और उसके गुर्गों के खिलाफ शिकंजा कस रही पुलिस ने शनिवार को एक और कार्रवाई की। नैनी में कॉटन मिल तिराहे पर स्थित दिलीप मिश्रा के कथित प्रतिष्ठान पांडेय गन हाउस की सील तोड़कर घंटों रायफल, पिस्टल व दूसरे असलहों की जांच की, लेकिन एक भी असलहा बरामद नहीं किया जा सका। अब आगे की कार्रवाई आर्मोरर की जांच पर होगी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने यह कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की।
दिलीप और उनकी पत्नी के नाम हैं छह शस्त्र लाइसेंस
औद्योगिक क्षेत्र के लवायन कला गांव निवासी पूर्व ब्लाक प्रमुख दिलीप और उसकी पत्नी अर्चना के नाम छह शस्त्र लाइसेंस है। चार असलहों का लाइसेंस परिवार के दूसरे सदस्यों के नाम पर है। सभी असलहों को पुलिस थाने में जमा किया जाना है। दिलीप मिश्रा के असलहे की दुकान भी है, जिसे कुछ महीनों पहले सील कर दिया गया था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि सभी 10 असलहे दुकान में हैं। इस पर अधिकारियों ने अदालत से अनुमति मांगी। इजाजत मिलने पर शनिवार शाम एसडीएम करछना आकांक्षा राणा, सीओ आशुतोष तिवारी कई थाने की फोर्स लेकर दुकान पर पहुंचे। सील तोड़कर शटर खोला गया फिर जांच की गई, लेकिन असलहों के नंबर स्पष्ट न होने के कारण जब्ती की कार्रवाई नहीं की जा सकी।
आर्मोरर की जांच के बाद होगी आगे की कार्रवाई
सीओ का कहना है कि अब आर्मोरर को बुलाकर असलहों का नंबर स्पष्ट किया जाएगा, उसके बाद शस्त्र थाने में जमा किए जाएंगे। सपा नेता समेत दो लोगों की हत्या की सुपारी देने के आरोप में दिलीप मिश्रा, उसका बेटा और एक शूटर नैनी जेल में बंद है।