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सोरांव सामूहिक हत्याकांड : लूटपाट और दुश्मनी के बीच उलझी पुलिस जांच Prayagraj News

सोरांव में सामूहिक हत्‍याकांड के नामजद छह आरोपितों के खिलाफ अब तक पुलिस को सुबूत नहीं मिले हैैं। वहीं बावरिया जैसे घुमंतू गिरोह का भी हाथ होने का शक जताया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 05:00 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 05:00 PM (IST)
सोरांव सामूहिक हत्याकांड : लूटपाट और दुश्मनी के बीच उलझी पुलिस जांच Prayagraj News
सोरांव सामूहिक हत्याकांड : लूटपाट और दुश्मनी के बीच उलझी पुलिस जांच Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। सोरांव के यूसुफपुर में विजय शंकर तिवारी और उनके बहू-बेटे समेत पांच लोगों की घर के भीतर निर्दयता से हत्या में नामजद छह आरोपितों से लंबी पूछताछ और अब तक की जांच में कोई नतीजा सामने नहीं आया है। कत्ल में नामजद आरोपितों का हाथ होने के साक्ष्य अभी नहीं मिले हैैं। ऐसे में पलिस की जांच दुश्मनी और लूटपाट के एंगल के बीच उलझी है। घूमंतू गिरोहों की भी तलाश हो रही है।

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यूसुफपुर के प्रधान प्रदीप सरोज समेत सात पर केस, छह गिरफ्तारी हुई

इस सनसनीखेज सामूहिक हत्याकांड में सोनी तिवारी के भाई कार्तिकेय की तहरीर पर यूसुफपुर के प्रधान प्रदीप सरोज समेत सात लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और हत्या का केस लिखा गया है। प्रधान के साथ ही पट्टïीदारी के सम्पूर्णानंद तिवारी, सच्चिदानंद तिवारी समेत छह लोगों को पकड़ लिया गया, जिनसे कैंट थाने में  पूछताछ की गई। घटना के वक्त उनकी लोकेशन का सत्यापन किया गया। मोबाइल की लोकेशन चेक करने के साथ ही कॉल डिटेल भी खंगाले गए हैैं। वैसे भी वे सभी घर पर ही मिल गए थे। फरार नहीं हुए थे। पूछताछ में वे खुद को बेकसूर बताते रहे। उनका कहना है कि चक रोड के लिए विवाद और झगड़ा तो हुआ था लेकिन वे इस तरह की वारदात की कल्पना भी नहीं कर सकते।

आरोपितों के मोबाइल कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैं

पुलिस यह जांच कर रही है कि इन आरोपितों ने किसी गिरोह से तो वारदात न करा दी हो। उनके मोबाइल कॉल डिटेल खंगाले जा रहे हैैं। अनुसूचित जाति के युवक से झगड़े के पहलू पर जांच जारी है। साथ ही प्रयागराज और आसपास के जिलों की पुलिस घूमंतू गिरोहों की तलाश में लगी है। घटना के वक्त यूसुफपुर इलाके के मोबाइल टॉवर से किए गए मोबाइल कॉल की डिटेल लेकर उन्हें चेक किया जा रहा है।

बोले आइजी केपी सिंह

आइजी केपी सिंह का कहना है कि रंजिश के पहलू पर छानबीन हो रही है। साथ ही घुमंतू आपराधिक गिरोहों को भी खोजा जा रहा है। हाईवे के निकट गांव का पहला और आबादी से दूर मकान होने से ऐसी वारदात बावरिया कर सकते हैैं। शक है कि पिछले साल भर में इसी गिरोह ने गंगापार में सामूहिक हत्या की बाकी वारदात भी की नामजदगी होने पर पुलिस ने गिरफ्तारी कर पल्ला झाड़ लिया।

रेकी कर दिया गया घटना को अंजाम

यूसुफपुर की घटना को रेकी कर अंजाम दिया गया होगा। यह अनुमान घटनास्थल पर पहुंचे एडीजी सुजीत पांडेय ने भी जताई। एडीजी ने घर के सभी कमरों का निरीक्षण कर बताया कि कि कुछ सामान या गहने गायब होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। बक्से भी पहले की तरह बंद हैं। लूटपाट का सीन बनाने का प्रयास किया गया है लेकिन यह रंजिशन वारदात ज्यादा लग रही है।  मौके पर मौजूद पुलिस के अधिकारियों से कहा कि फोरेंसिक टीम की जांच रिपोर्ट से भी कुछ मदद जरूर मिलेगी।

मोनू ने डीएम को सौंपा है मांगपत्र

मृतक विजय शंकर के पुत्र मोनू तिवारी ने  एसडीएम को डीएम को संबोधित मांगपत्र सौंपा। उसने लिखा है कि सामूहिक हत्या के बाद उसके लिए भी खतरा बना है। उसने जिलाधिकारी से सुरक्षा, एक शस्त्र लाइसेंस, शासन से 50 लाख रुपये की सहायता, कृषक दुर्घटना मुआवजा, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ, आवास की मांग की है। अधिकारियों ने मांग पूरी करने का भरोसा भी पीडि़त को दिया है।

फोरेंसिक साक्ष्य से भी खुलेगा राज

फोरेंसिक टीम ने सोनू और सोनी के नाखूनों से जांच और डीएनए टेस्ट के लिए नमूने लिए हैैं। कत्ल में प्रयुक्त हुए औजारों के भी फिंगर प्रिंट उठाए गए हैैं ताकि संदिग्ध लोग पकड़े जा सकें तो उन सुबूतों के आधार पर उनकी संलिप्तता की पुष्टि हो सके।


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