संगम नगरी में कई लोगों की जिंदगी खत्म कर चुकी है जहरीली शराब, मऊआइमा में 14 लोगों की हुई थी मौत
जनपद के गंगापार इलाके में हंडिया में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत पहली नहीं है इससे पहले भी जिले में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस की कोशिशों के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री हो रही है और लोग शिकार हो रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। जनपद के गंगापार इलाके में हंडिया में जहरीली शराब पीने से हुई कई लोगों की मौत पहली नहीं है, इससे पहले भी जिले में इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं। पुलिस की कोशिशों के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री हो रही है और लोग इसके शिकार हो रहे हैं।
चार माह पहले फूलपुर में सात लोगों ने तोड़ दिया था दम
अभी पिछले वर्ष नवंबर माह में फूलपुर के अमिलिया गांव में जहरीली शराब पीने के कारण सात लोगों की मौत हो गई थी। इसमें प्यारे लाल उर्फ राम प्यारे निवासी खंसार मलिया का पूरा, राजेश गौड़ निवासी मैलवन, राज बहादुर निवासी अमिलिया, शम्भूनाथ गौड़ निवासी अमिलिया, बसंत लाल निवासी अमिलिया, महेंद्र कुमार निवासी अरवासी, महेंद्र कुमार निवासी अगरापट्टी शामिल थे, जबकि अमिलिया गांव के प्रभूनाथ पटेल, दयाराम यादव, विनोद कुमार, राम कैलाश व रिश्तेदारी अमिलिया गए जंगी लाल सरोज निवासी झूंसी, ताराचंद सरोज निवासी कोदार, आत्माराम और बबलू भारतीया निवासी कोनार, जगदीश यादव निवासी खंसार, सोनू गुप्ता निवासी मऊआइमा शामिल की हालत गंभीर थी। हालांकि, बाद में सभी अस्पताल से स्वस्थ्य होकर निकले। इसमें पुलिस अधिकारियों ने संबंधित थाने के प्रभारी, चौकी इंजार्च और कई सिपाहियों को निलंबित किया था। जिसे देशी शराब के ठेके से शराब खरीदी गई थी, उसके संचालक समेत तीन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके पहले वर्ष 2010 में मऊआइमा क्षेत्र में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत हो गई थी। मृतक मऊआइमा कस्बा, मऊदोस्तपुर और अल्ली वीरसिंहपुर गांव के रहने वाले थे। इन सभी ने मऊआइमा के शाहगंज मुहल्ला में रहने वाली शांति नामक महिला से पाउच वाली शराब खरीदी थी। यह शराब अवैध थी। इसी के सेवन से लोगों की जान गई थी। शांति की भी मौत इसी शराब के चलते उस समय हुई थी। पुलिस अफसरों ने तत्कालीन थाना प्रभारी, कस्बा चौकी इंचार्ज और कई सिपाहियों को निलंबित कर दिया था। शांति के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था, लेकिन शांति की मौत के बाद इस पूरे मामले को बंद कर दिया गया।