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Poisonous liquor Death in Prayagraj: मौतों के बाद जागती है प्रवर्तन और ईआइबी टीम, जिम्‍मेदार अफसरों की भमिका पर उठ रहे सवाल

Poisonous liquor Death in Prayagraj चोरी छिपे अवैध शराब की बिक्री करने और बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए आबकारी महकमे में प्रवर्तन इकाई है। जबकि अवैध शराब के संबंध में गोपनीय तरीक से जानकारी जुटाकर उस पर नियमानुसार कार्रवाई करने की जिम्मेदारी ईआइबी की होती है।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 02:30 PM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 04:03 PM (IST)
Poisonous liquor Death in Prayagraj: मौतों के बाद जागती है प्रवर्तन और ईआइबी टीम, जिम्‍मेदार अफसरों की भमिका पर उठ रहे सवाल
एक के बाद एक हो रहे विषाक्त कांड से आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसरों की भूमिका पर उठ रहे सवाल।

प्रयागराज, जेएनएन। मंडल में पहले फूलपुर फिर प्रतापगढ़ और अब हंडिया में जहरीली शराब से मौतें हुईं। मगर ऐसी ही घटनाओं के बाद अवैध शराब की जानकारी जुटाने व कार्रवाई के लिए बनाई गई प्रवर्तन और ईआइबी की टीमें जागती हैं। एक के बाद एक हो रहे विषाक्त कांड से आबकारी विभाग के जिम्मेदार अफसरों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है कि प्रवर्तन और एक्साइज इंटेलिजेंस ब्यूरो (ईआइबी) अवैध शराब पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। यह हाल तब है जब प्रयागराज में ही आबकारी का मुख्यालय है, जहां कमिश्नर से लेकर अन्य उच्चाधिकारी बैठते हैं। इसके बावजूद जहरीली शराब से मौत होना, लापरवाही का द्योतक माना जा रहा है।

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उच्‍चाधिकारियों ने दिए थे अभियान चलाने के निर्देश

होली से पहले प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशंबी और फतेहपुर समेत अन्य जिले में गैर प्रांत की शराब की सप्लाई होने लगती है। साथ ही कच्ची शराब की भटिठयां भी धधकने लगती है। इसी को ध्यान में रखते हुए उच्चाधिकारियों ने होली तक प्रवर्तन अभियान चलाने के निर्देश दिए थे, लेकिन उसका पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है।

अवैध शराब की बिक्री और बनाने वालों पर सख्‍त कार्रवाई के लिए है आबकारी की प्रवर्तन इकाई

चोरी छिपे अवैध शराब की बिक्री करने और बनाने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए आबकारी महकमे में प्रवर्तन इकाई है। जबकि अवैध शराब के संबंध में गोपनीय तरीक से जानकारी जुटाकर उस पर नियमानुसार कार्रवाई करने की जिम्मेदारी ईआइबी की होती है। मगर जिस तरीके से मंडल स्तर की टीमें काम कर रही हैं, उसको लेकर लोग तरह-तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं। हालांकि जिले में तैनात आबकारी इंस्पेक्टर के पास शराब दुकान के व्यवस्थापन के साथ ही राजस्व वसूली की भी जिम्मेदारी होती है, लेकिन अवैध शराब और तस्करों पर पकडऩे में उनकी भी नाकामी सामने आ रही है।  


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