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PMAY: प्रयागराज में 1025 लाभार्थियों को मिलेगा मकान, डीपीआर तैयार, शासन से मंजूरी का इंतजार

डूडा ने शहर और आठ नगर पंचायत क्षेत्रों में लाभार्थियों के चयन के लिए सरकार की ओर से नामित एजेंसियों के माध्यम से सर्वे कराया। सर्वे में 1025 लाभार्थियों का चयन किया गया। डीपीआर फाइनल होने पर लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए सरकार द्वारा ढाई लाख रुपये दिया जाएगा

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 10:14 AM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 10:14 AM (IST)
PMAY: प्रयागराज में 1025 लाभार्थियों को मिलेगा मकान, डीपीआर तैयार, शासन से मंजूरी का इंतजार
शासन की अनुमति मिलते ही मकान निर्माण के लिए पहली किश्त 50 हजार रुपये जारी हो जाएगी

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 1025 और लाभार्थियों को आशियाना मिलने का रास्ता साफ हो गया है। इन लाभार्थियों का सत्यापन होने के बाद पक्के आवासों के निर्माण के लिए डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार हो गई है। डीपीआर को स्वीकृति के लिए जल्द शासन को भेजी जाएगी। शासन की अनुमति मिलते ही मकान निर्माण के लिए पहली किश्त 50 हजार रुपये जारी हो जाएगी।

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तीन किश्तों में मिलेगी ढाई लाख रुपये की रकम

जिला नगरीय विकास अधिकरण (डूडा) द्वारा शहर और आठ नगर पंचायत क्षेत्रों में लाभार्थियों के चयन के लिए सरकार की ओर से नामित एजेंसियों के माध्यम से सर्वे कराया। सर्वे में 1025 लाभार्थियों का चयन किया गया। डीपीआर फाइनल होने पर इन लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए सरकार द्वारा ढाई लाख रुपये दिया जाएगा। यह धनराशि तीन किश्तों में मिलेगी। पहली किश्त 50 हजार, दूसरी डेढ़ लाख और तीसरी किश्त 50 हजार रुपये मिलेगी। इसके पूर्व 14118 लाभार्थियों को आवासीय योजना का लाभ मिल चुका है। उसमें से आठ हजार से ज्यादा आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है।

12 हजार लोगों का सत्यापन फंसा

नगर निगम सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में लाभार्थियों के चयन के लिए डूडा द्वारा करीब दो-तीन महीने पहले सर्वे कराया गया था। झूंसी, नैनी और फाफामऊ समेत विस्तार वाले गांवों में करीब 12 हजार लाभार्थियों का चयन किया गया। इन लाभार्थियों की सूची सत्यापन के लिए सदर समेत संबंधित तहसीलों में भेजी गई मगर, सूची का सत्यापन अब तक नहीं हो सका है। सत्यापन रिपोर्ट डूडा को न मिलने के कारण लाभार्थियों का डीपीआर नहीं तैयार हो पा रहा है। तहसीलों से सत्यापन इसलिए कराया जा रहा है क्योंकि, इन लाभार्थियों को कहीं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अथवा अन्य आवासीय योजनाओं के तहत लाभ मिल तो नहीं चुका है। डूडा की परियोजना अधिकारी वर्तिका सिंह का कहना है कि सत्यापन होने पर इन लाभार्थियों की डीपीआर भी शासन को भेजी जाएगी।


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